जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का बयान सामने आया है. मुशर्रफ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि वे संयुक्त राष्ट्र की ओर से कश्मीर की मान्यता को खत्म करने की भारत की एकतरफा कार्रवाई की निंदा करते हैं. उन्होंने लिखा, 'पाकिस्तान इस फैसले को खारिज करता है और मुझे पता है कि दुनिया भी इस बात को स्वीकार नहीं करेगी. कश्मीर के निर्दोष लोगों के खिलाफ अत्याचार के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराना चाहिए, जहां के लोग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.'
उधर पाकिस्तान के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और द्विपक्षीय संबंध रोकने का फैसला किया. इस्लामाबाद ने यह कदम जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के नई दिल्ली के कदम के बाद उठाया है. यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान ने की.
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक के बाद कहा, "हमारे राजदूत अब दिल्ली में नहीं रहेंगे और उनके राजदूत को भी हम वापस भेजेंगे." बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, एनएससी ने भारत संग कूटनीतिक संबंध डाउनग्रेड करने, द्विपक्षीय व्यापार निलंबित करने, द्विपक्षीय व्यवस्थाओं की समीक्षा करने, मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने और 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस कश्मीरियों के साथ एकजुटता जताने के लिए मनाने के निर्णय लिए हैं.
बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि भारत के क्रूर नस्ली शासन को, उसकी डिजाइन को और मानवाधिकार हनन को बेनकाब करने के लिए सभी कूटनीति माध्यमों को सक्रिय किया जाए." बैठक में रक्षामंत्री परवेज खट्टक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के जनरल जुबैर हयात, सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा, नौसेना प्रमुख एडमिरल जफर महमूद अब्बासी, चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल मुजाहिद अनवर खान, आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
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