PAK राष्ट्रपति ने भारत पर लगाया बातचीत से पीछे हटने का आरोप

पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा है कि चीन के साथ पाकिस्तान की साझेदारी राष्ट्रीय आर्थिक विकास के लिए जरूरी है और अरबों डॉलर का चीन-PAK आर्थिक गलियारा हर कीमत पर पूरा किया जाएगा.

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन

सुरभि गुप्ता / BHASHA

  • इस्लामाबाद,
  • 01 जून 2016,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST

पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने बुधवार को भारत पर बातचीत रद्द करने का आरोप लगाया. हुसैन ने कहा कि पठानकोट हमले में संयुक्त जांच की पेशकश के बाद भी भारत पाकिस्तान से वार्ता करने से पीछे हट रहा है.

विभाजन का अधूरा एजेंडा है कश्मीर
PAK राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर मुद्दा विभाजन का अधूरा एजेंडा है और क्षेत्रीय तनाव का मुख्य कारण भी है. जब तक कश्मीर मुद्दे का हल कश्मीर के लोगों की मर्जी और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक नहीं होगा, तब तक यह मसला जारी रहेगा.

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विदेश सचिव स्तर की वार्ता चाहता है PAK
वर्तमान संसद के चौथे साल की शुरुआत में संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए हुसैन ने कहा, 'बातचीत बहाल करने की पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बावजूद भारत के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता नहीं हो पा रही है. पाकिस्तान इस मसले पर चिंतित है.

आक्रामक रुख नहीं चाहता PAK
ममनून हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान शांति प्रिय देश है. सभी देशों के साथ पाकिस्तान अपनी विदेश नीति का आधार दोस्ती और भाईचारा बनाना चाहता है. पाकिस्तान किसी देश की तरफ आक्रामक रुख अपनाना नहीं चाहता.

बातचीत के जरिए हो सभी मसलों का हल
राष्ट्रपति ने कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है और सभी मसलों का हल बातचीत के जरिए होना चाहिए. हुसैन के मुताबिक PAK में लोकतंत्र मजबूत हुआ है और अब मुल्क हर तरह की परेशानियों का सामना कर सकता है.

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वर्तमान संसद के तीन साल पूरे
वर्तमान संसद के तीन साल पूरे होने पर राष्ट्रपति ने सांसदों को बधाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र के बिना विकास को स्थिर नहीं किया जा सकता और पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था इतनी मजबूत हो गई है कि सभी तरह की परेशानियों का हल निकाला जा सके.

चीन के साथ साझेदारी जरूरी
हुसैन ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में पाकिस्तान की काफी प्रगति हुई है और देश ने 30 जून को खत्म हो रहे वित्तीय वर्ष में 4.7 फीसदी का विकास दर हासिल किया है. चीन के साथ पाकिस्तान की साझेदारी राष्ट्रीय आर्थिक विकास के लिए जरूरी है और अरबों डॉलर का चीन-PAK आर्थिक गलियारा हर कीमत पर पूरा किया जाएगा.

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