पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद युसूफ ने अफगानिस्तान का अपना सुनियोजित दौरा रद्द कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल में पाकिस्तान के खिलाफ सुनियोजित प्रदर्शन किए जाने थे जिसके मद्देनजर एनएसए ने अफगानिस्तान न जाने का फैसला किया है.
पाकिस्तान के एनएसए 18 जनवरी को एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ अफगानिस्तान जाने वाले थे. उनका ये दौरा अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से सीमा विवाद पर बात करने और युद्धग्रस्त देश की जरूरतों का जायजा लेने के लिए निर्धारित किया गया था.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की डूरंड रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से लगाई जा रही बाड़ को लेकर दोनों देशों के बीच कुछ समय से विवाद चल रहा है. हालांकि, एनएसए यूसुफ ने अपनी दो दिवसीय यात्रा को रद्द कर दिया है.
अफगानिस्तान के पझवोक अफगान न्यूज ने बताया कि काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध की योजना बनाई गई थी. और इसी कारण एनएसए ने अपना दौरा रद्द कर दिया.
एक राजनयिक सूत्र का हवाला देते हुए अफगान न्यूज ने कहा कि पाकिस्तान के एनएसए ने 'शर्मिंदगी' से बचने के लिए यात्रा टालने का फैसला किया. वहीं, पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि खराब मौसम के कारण यूसुफ की यात्रा स्थगित कर दी गई है.
सूत्र ने बताया कि सैकड़ों अफगान नागरिकों ने पाकिस्तान विरोधी तख्तियां लिए हुए मंगलवार को इस्लामाबाद की नीति को 'दोतरफा' बताते हुए हवाई अड्डे तक मार्च किया.
ब्रिटिश काल की डूरंड रेखा पर बाड़ लगाने को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ रहा है. अफगानिस्तान डूरंड रेखा को औपचारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता नहीं देता है.
पाकिस्तान के एनएसए की यात्रा के दौरान डूरंड रेखा पर ताड़बंदी को लेकर चल रहा विवाद चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक था.
पाकिस्तान ने 2,670 किलोमीटर लंबी इस अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करीब 90 प्रतिशत ताड़बंदी का काम पूरा कर लिया है. पाकिस्तान इससे अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है ताकि आतंकवादी इस रास्ते से पाकिस्तान में प्रवेश न कर पाएं.
पिछले महीने, सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए थे जिसमें कथित तौर पर अफगान तालिबान के लोग पाकिस्तानी सेना द्वारा लगाए बाड़ को उखाड़ रहे थे. वो दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान की सेना ने बाड़ अफगानिस्तान की सीमा में लगाई है.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने एनएसए यूसुफ की यात्रा को लेकर ये भी कहा था कि उनकी यात्रा से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता बढ़ाने में मदद मिलेगी. संयुक्त राष्ट्र में भी अफगानिस्तान के मानवीय संकट को लेकर चर्चा की गई है.
13 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी थी कि लाखों अफगान भुखमरी और मौत की कगार पर हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र की 5 अरब अमेरीकी डॉलर की मानवीय अपील को फंड देने, अफगानिस्तान की फ्रीज की हुई संपत्ति को छोड़ने और उसके बैंकिंग सिस्टम को फिर से शुरू करने का आग्रह किया था.
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