पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. पाक की ओर से आतंकियों और आतंकी संगठनों को लगातार पनाह दिए जाने की खबरों के बीच यह फैसला तब लिया गया जब एफएटीएफ के एक्शन प्लान के सभी 27 मापदंडों में से 3 को पूरा करने में पाक नाकाम रहा.
एफएटीएफ की बैठक में आज गुरुवार को फैसला लिया गया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा. पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में लंबे समय से लगा हुआ है लेकिन वह इस बार भी कामयाब नहीं हो सका. पाक निर्धारित 27 मापदंडों में से 3 अहम बिंदुओं को पूरा नहीं कर सका है.
एफएटीएफ के प्रमुख मार्कस प्लीयर ने कहा कि पाकिस्तान अभी निगरानी में रहेगा. टेरर फाइनेंसिंग को लेकर अभी भी कई गंभीर खामियां हैं हालांकि पाकिस्तान ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और 27 एक्शन प्वाइंट्स में से 3 महत्वपूर्ण प्वाइंट्स शेष हैं.
पिछली बार 6 मापदंडों को पूरा नहीं सका था पाक
पिछले साल अक्टूबर में एफएटीएफ की बैठक में भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया था. तब एफएटीएफ प्लेनरी में तुर्की ने प्रस्ताव दिया था कि 27 मापदंडों में से शेष 6 मापदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करने की बजाए सदस्यों को पाकिस्तान के अच्छे काम पर विचार करना चाहिए. उसकी ओर से यह भी कहा गया कि एक एफएटीएफ ऑन-साइट टीम को अपने मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए. इस बार पाक 3 मापदंडों को पूरा नहीं कर सका है.
एफएटीएफ ने आज गुरुवार को पाकिस्तान की ओर से संपूर्ण कार्ययोजना पर की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की. लेकिन पाकिस्तान ने 27 में से 24 मापदंडों को पूरा किया. उसकी ओर से कार्य योजना पर अमल करने की समयसीमा अब समाप्त हो गई थी. एफएटीएफ ने एक बार फिर पाक से कहा है कि वह जून 2021 से पहले सभी मापदंडों को पूरा कर ले.
गीता मोहन