आतंकियों को सामान्य जीवन का मौका देना चाहती है PAK सरकार, दिया ये ऑफर

पाकिस्तान ने हाल ही में खूंखार आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ शांति समझौता किया था और अब पाकिस्तानी सरकार आतंकियों को सामान्य जीवन जीने का एक मौका देना चाहती है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बीते मंगलवार को कहा है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर अगर आतंकी संविधान को अपनाना चाहते हैं तो सरकार उन्हें एक मौका दे सकती है.

Advertisement
इमरान खान, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स इमरान खान, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 11 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST
  • पाकिस्तान ने हाल ही में किया आतंकी संगठन के साथ शांति समझौता
  • तालिबान की इस समझौते में थी बड़ी भूमिका

पाकिस्तान ने हाल ही में खूंखार आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ शांति समझौता किया था और अब पाकिस्तानी सरकार आतंकियों को सामान्य जीवन जीने का एक मौका देना चाहती है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बीते मंगलवार को कहा है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर अगर आतंकी संविधान को अपनाना चाहते हैं तो सरकार उन्हें एक मौका दे सकती है.

Advertisement

फवाद चौधरी ने ये भी कहा कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े कुछ आतंकी हिंसा छोड़ना चाहते हैं. गौरतलब है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने एक दिन पहले सांसदों को राष्ट्रीय सुरक्षा हालात के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार और प्रतिबंधित संगठन के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ है.

बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के शांति समझौते को लेकर कहा गया था कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में गृहमंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी की बड़ी भूमिका है. रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान ने ही पाकिस्तान को टीटीपी के साथ बातचीत का ऑफर दिया था. सरकार के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने ट्विटर पर भी कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने प्रधानमंत्री इमरान खान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को कायम करने में मदद की है.

Advertisement

'वार्ता चलते रहने पर आगे बढ़ाया जा सकता है संघर्ष विराम'

टीटीपी के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने भी इस बात को कंफर्म करते हुए कहा कि नौ नवंबर से शुरू होने वाला संघर्ष विराम नौ दिसंबर तक रहेगा. इस दौरान पाकिस्तान और टीटीपी के बीच बातचीत जारी रखने के लिए एक समिति बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष संघर्ष विराम का पालन करेंगे और अगर बातचीत चलती रही तो इस संघर्ष विराम को आगे भी बढ़ाया जा सकता है. 

गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को 2008 में ब्लैकलिस्ट किया था. टीटीपी ने पिछले 10 साल में पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं. इस आतंकवादी संगठन का सबसे बड़ा गढ़ इमरान खान का गृह राज्य खैबर पख्तूनख्वा है. हाल में ही टीटीपी के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा में चीन के इंजीनियरों की बस पर हमला कर 13 लोगों को मार दिया था. टीटीपी इसके अलावा पाकिस्तान के आम नागरिकों और सुरक्षाबलों को भी अपना निशाना बना चुका है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement