पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत समेत कई देशों ने जिस तरह से आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर दवाब बनाया उसके बाद से इमरान खान सरकार हरकत में आ गई है. पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 संगठनों पर बैन लगा दिया है. ये सभी संगठन प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दवा (जेयूडी), फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े हुए थे.
शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान और गृहमंत्री एजाज शाह की बैठक में इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया.
पुलवामा में 14 फरवरी के हमले के बाद इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद में शामिल या अन्य देशों में किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल करने वाले किसी भी संगठन को नहीं बख्शेगा.
जैश-ए-मोहम्मद के इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल काउंटर टेरेरिज्म ऑथरिटी (एनससीटीए) ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि जेयूडी के साथ संबंध रखने को लेकर सात संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है.
सरकार ने जेयूडी को मार्च में प्रतिबंधित किया था. बयान के अनुसार जिन संगठनों पर पाबंदी लगाई गई है वे अल-अनफाल ट्रस्ट, इदारा खिदमत -ए-खल्क, अल-दावत उल इरशाद, मोस्क्यू एंड वेलफेयर ट्रस्ट, अल-मदीना फाउंडेशन, माज-बिन-जबील एजूकेशन ट्रस्ट और अल हम्माद ट्रस्ट हैं. ये सभी लाहौर में हैं.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने आतंकवाद का सफाया करने की राष्ट्रीय कार्ययोजना के क्रियान्वयन में गति लाने के सरकार के निर्देश के तहत यह कार्रवाई की है. एनएसीटीसी के अनुसार इन सात संगठनों के अलावा लाहौर के ही अल-फजल फाउंडेशन/ट्रस्ट और अल -ईसार फाउंडेशन को एफआईएफ के साथ संबंध रखने को लेकर प्रतिबंधित कर दिया गया है.
जेयूडी की तरह एफआईएफ पर भी मार्च में पाबंदी लगाई गई थी. एनएसीटीसी के मुताबिक बहावलपुर के अल-रहमत ट्रस्ट आर्गेनाइजेशन और कराची के अल फुरकान ट्रस्ट पर भी जेईएम के साथ संबंध को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जेईएम पर जनवरी, 2002 में पाबंदी लगाई गई थी.
aajtak.in