पांच अगस्त यानी शनिवार को पाकिस्तान के एक शीर्ष संवैधानिक निकाय ने नई जनगणना के नतीजों को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी, जिससे देश में आम चुनाव में थोड़ा विलंब हो सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ये जानकारी दी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में 'काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट' (CCI) की हुई बैठक में योजना मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान की आबादी 24.01 करोड़ हो गई है. इस बैठक में कैबिनेट मंत्रियों, प्रांतीय मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया.
बैठक में शामिल हुए सभी लोगों ने सर्वसम्मति से मार्च और अप्रैल में की गई जनगणना के नतीजों को मंजूरी दे दी. जनगणना कर्मियों ने घर-घर जाकर आंकड़े जुटाए हैं, जबकि लोगों के पास ऑनलाइन माध्यम से भी अपने परिवार का विवरण देने का विकल्प था.
इसके बाद पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के लिए जरूरी है कि वह चुनाव के लिए पूरे देश में नए चुनावी जिलों को निर्धारित करने के वास्ते परिसीमन की कवायद नए सिरे से शुरू करे, जिससे नेशनल असेम्बली (संसद) का मौजूदा कार्यकाल खत्म होने के बाद 60 या 90 दिन की अवधि में चुनाव कराने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.
ईसीपी के पूर्व सचिव कंवर दिलशाद ने पहले जियो न्यूज को बताया था कि अगर सीसीआई ने 2023 की जनगणना को मंजूरी दे दी, तो चुनाव 2024 में होंगे.
उन्होंने कहा था, अगर सीसीआई की सिफारिश पर नई डिजिटल जनगणना की गजट अधिसूचना जारी की जाती है, तो ईसीपी संविधान के अनुच्छेद 51(5) के तहत नए सिरे से परिसीमन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है.'
अगर नेशनल असेम्बली अपना कार्यकाल पूरा करती है तो इसके 60 दिन के अंदर चुनाव कराने होंगे और अगर नेशनल असेम्बली को अपना कार्यकाल पूरा करने से एक दिन पहले भी भंग किया जाता है, तो चुनाव 90 दिनों में कराए जा सकते हैं. मौजूदा नेशनल असेम्बली का कार्यकाल 12 अगस्त को पूरा हो रहा है.
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