पाकिस्तान ने देशद्रोह के आरोपी पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की सैन्य सुरक्षा और दुबई तक सुरक्षित रास्ता मुहैया कराए जाने की शर्तों को ठुकरा दिया है. अदालत का कहना है कि एक भगोड़ा शर्ते नहीं लगा सकता. साथ ही अदालत को अपनी जरूरतों के बारे में आदेश दे सकता है. संघीय अदालत ने तीन सदस्यीय विशेष अदालत को बताया कि गंभीर देशद्रोह के मामले का भगोड़ा अपराधी होने के नाते अदालत के समक्ष समर्पण किए जाने तक किसी प्रकार की राहत की मांग नहीं कर सकता है.
बता दें उनके खिलाफ गंभीर देशद्रोह के मामले को लेकर मुकदमा चल रहा है. सरकार ने अपने जवाब में कहा, एक भगोड़ा अदालत को अपनी जरूरतों के बारे में आदेश नहीं दे सकता और यह तय नहीं कर सकता कि अपनी इच्छा से वह कब और कितनी देर अदालत के समक्ष पेश होगा.
ये थी परवेज मुर्शरफ मांग
मुशर्रफ ने पांच मई को विशेष अदालत में आवेदन दाखिल किया था. जिसमें उन्होंने इच्छा जतायी थी, कि वह सैन्य संरक्षण में मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अदालत से यह आश्वासन भी मांगा था, कि उन्हें दुबई वापस लौटने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा.
मामले को लंबा करने के लिए आवेदन
सरकार ने अपने अधिवक्ता मोहम्मद अकरम शेख के जरिए बताया, मामले के नतीजे को लंबा खींचने के लिए आवेदन दाखिल किया गया है. उन्होंने कहा, भगोड़े के खिलाफ लंबित अन्य मामलों में पहले भी सुरक्षा और चिकित्सा कारणों का हवाला देते हुए चाकचौबंद सुरक्षा मुहैया कराने की अपील की गयी थी. लेकिन किसी अन्य अदालत ने इसकी मंजूरी नहीं दी. हालांकि सरकार ने कहा कि वह उनके अधिकार के अनुसार मुशर्रफ को सुरक्षा मुहैया कराने की इच्छुक है.
केशवानंद धर दुबे / BHASHA / IANS