राशन लाए ट्रकों के सामने जुटी थी भीड़, इजरायली फोर्स की गोलीबारी में 104 की मौत... फिलिस्तीन प्रशासन का दावा

उत्तरी गाजा में इजरायली बलों की गोलीबारी से 104 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए. दरअसल, फिलिस्तीनी लोग राशन पहुंचाने वाले ट्रकों के आगे इकट्ठा हो गए थे. भूख से बेताब लोगों की भीड़ ट्रकों के आस-पास इकट्ठी हो गई थी, इससे वहां अराजक माहौल पैदा हो गया. इसी दौरान इजरायली बलों ने गोलीबारी कर दी.

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गाजा में 100 अधिक लोगों की मौत गाजा में 100 अधिक लोगों की मौत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग अभी समाप्त नहीं हुई है. इजरायली सेना गाजा में लगातार अभियान चला रही है. इसी बीच गाजा से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. यहां खाना लेने के उमड़ी भीड़ इजरायली बलों की ओर से हुई गोलीबारी का शिकार बन गई. सामने आया है कि इस गोलीबारी में 104 लोगों की मौत हो गई है. सीएनएन की रिपोर्ट के हवाले से फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना उत्तरी गाजा में हुई है. 

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जानकारी के मुताबिक, उत्तरी गाजा में इजरायली बलों की गोलीबारी से 104 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हो गए. दरअसल, फिलिस्तीनी लोग राशन पहुंचाने वाले ट्रकों के आगे इकट्ठा हो गए थे. भूख से बेताब लोगों की भीड़ ट्रकों के आस-पास इकट्ठी हो गई थी, इससे वहां अराजक माहौल पैदा हो गया. इसी दौरान इजरायली बलों ने गोलीबारी कर दी. इससे भगदड़ की स्थिति हो गई. गोलीबारी में कई मारे गए और कई लोग तो ट्रकों से कुचल गए और उनकी मौत हो गई. 

वहीं, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस ने गाजा सहायता स्थल पर हुई इस त्रासद घटना की कड़ी निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस घटना की जांच की मांग की है. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मामले में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जब भीड़ भोजन का इंतजार कर रही थी तो इजरायली सेना की ओर से कथित तौर पर की गई गोलीबारी में 100 से अधिक लोग मारे गए. गोलीबारी क्यों की गई, इसे लेकर इजरायली सेना और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान एक-दूसरे से काफी उलट हैं.

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, "गाजा में हताश नागरिकों को तुरंत ही मदद की जरूरत है. इसमें उत्तर क्षेत्र के लोग भी जहां संयुक्त राष्ट्र एक सप्ताह से अधिक समय में सहायता नहीं पहुंचा सका है." हालांकि संयुक्त राष्ट्र घटना के दौरान मौजूद नहीं था, लेकिन उसने दुखद घटनाओं की गहन जांच की मांग की है.

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