राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बुधवार को मॉस्को का दौरा किया. इस दौरान दोनों पक्षों ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे को सहयोग करने की बात को दोहराया और इस लड़ाई को लेकर अपने इरादे की पुष्टि की.
एनएसए के इस दौरे के बाद रूस ने एक बार फिर कश्मीर के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है. रूस ने काश्मीर के अंतर्राष्ट्रीयकरण की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसमें तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है.
एनएसए अजीत डोभाल को रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने आमंत्रित किया था. डोभाल का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिवोस्तोक यात्रा से ठीक पहले हुआ है. गौर हो कि पीएम मोदी सितंबर महीने के शुरुआत में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक में शामिल होने के लिए व्लादिवोस्तोक जाने वाले हैं. यहां वो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों (एनएससी) और क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर बातचीत करेंगे.
आपसी विश्वास पर आधारित ये चर्चा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की विशेषता और विभिन्न मुद्दों पर करीबी को दर्शाता है. इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के पक्षों ने आतंकवाद निरोधी सहयोग को तेज करने के अपने इरादे की पुष्टि की.
इस दौरान द्विपक्षीय परामर्श के महत्व को देखते हुए दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक स्थिति, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के लिए आपसी समर्थन को दोहराया. साथ ही दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने किसी भी आंतरिक मुद्दे पर तीसरे पक्षों के गैर-हस्तक्षेप की बात पर भी जोर दिया.
डोभाल ने अंतरिक्ष क्षेत्र और गगनयान कार्यक्रम में चल रहे सहयोग की समीक्षा करने के लिए ROSCOSMOS दिमित्री रोगोजिन के निदेशक से भी मुलाकात की.
इस दौरान रोगोजिन ने चंद्रयान कार्यक्रम की प्रगति की सराहना की और रूस के समर्थन की बात के साथ इस मिशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं. इस मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष सहयोग के दीर्घकालिक पहलुओं पर भी चर्चा की, जिसके व्लादिवोस्तोक में द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में प्रमुखता से उभरने की उम्मीद है.
कमलजीत संधू