न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर में शनिवार को सिख समुदाय द्वारा निकाली गई वार्षिक नागर कीर्तन परेड के दौरान उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब कुछ स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. यह परेड गुरु नानक जयंती के मौके पर आयोजित की गई थी. परेड के लौटते समय डेस्टिनी चर्च से जुड़े समूह "ट्रू पैट्रियट्स ऑफ न्यूजीलैंड" के सदस्य सड़क पर खड़े हो गए और उन्होंने हाका प्रदर्शन शुरू कर दिया.
हाका प्रदर्शनकारियों के पीछे काले रंग का एक बैनर लहराया जा रहा था, जिस पर लिखा था, "यह न्यूजीलैंड है, भारत नहीं." सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा गया कि प्रदर्शनकारी सड़क के एक तरफ हाका कर रहे थे, जबकि नागर कीर्तन में शामिल सिख समुदाय के लोग कुछ दूरी पर खड़े रहे.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नागर कीर्तन परेड के लिए ऑकलैंड काउंसिल से पहले ही अनुमति ली गई थी. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू किया. इसके बाद परेड को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने दिया गया. पुलिस ने स्पष्ट किया कि घटना के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई.
फ्री स्पीच यूनियन ने घटना की आलोचना की
फ्री स्पीच यूनियन ने भी इस घटना की आलोचना की. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्री स्पीच यूनियन के कार्यकारी प्रमुख जिलीन हीथर ने कहा, "परेड, भाषण, या समुदायों के बोलने और जुड़ने की आजादी के अधिकार का इस्तेमाल करने में फिजिकली दखल देना एक लाइन पार करना है. जब 50 लोग नगर कीर्तन जुलूस को रोकने के लिए बैरियर बनाते हैं, तो यह काउंटर-प्रोटेस्ट नहीं है - यह रुकावट है जो दूसरों की कानूनी बात को रोकती है."
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हाका प्रदर्शन के ऑर्गेनाइजर का क्या कहना है?
सोशल मीडिया पर मामले को एक अलग रूप से भी पेश किया जा रहा है, जिसमें सिख समुदाय पर खालिस्तानी होने का आरोप भी लगाया जा रहा है. कर्क लुबिमोव नाम के एक शख्स ने सोशल साइट एक्स पर एक वीडियो शेयर कर लिखा, "ये खालिस्तानी पैरासाइट हर जगह क्यों हैं? वे कॉकरोच की तरह हर जगह फैल रहे हैं. न्यूजीलैंड में देशभक्तों ने विदेशियों की परेड को अपनी सड़कों पर कब्जा करने से रोका और पीछे नहीं हटे."
प्रदर्शन के ऑर्गेनाइजर ब्रायन टमकी ने एक के बाद एक कई सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "ऑकलैंड की सड़कों पर आतंकवादी खालिस्तान के झंडे क्यों लहराए जा रहे हैं? ऑकलैंड में खुलेआम आतंकवादी खालिस्तान के झंडे लहराए गए." उन्होंने कहा, "साफ कर दें कि, खालिस्तान एक आतंकवादी संगठन है...सिर्फ सिख धर्म नहीं. और भारत के (प्रधानमंत्री) मोदी ने आधिकारिक तौर पर खालिस्तान से जुड़े ग्रुप्स को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित किया है."
साथ ही उन्होंने कहा, "न्यूजीलैंड ने कब से विदेशी आतंकवादी आंदोलनों को हमारी सड़कों पर खुलेआम परेड करने की अनुमति दे दी?"
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