सउदी अरब की संशोधित निताकत योजना भारतीय प्रवासियों या किसी भी देश के प्रवासियों हित में नहीं हैं. सितंबर से केवल कुछ कंपनियां, जो नई प्रणाली में अच्छी तरह से खरी उतरेंगी, सिर्फ उन्ही को दूसरे देशों के कर्मचारियों को काम देने की अनुमति होगी. संशोधित निताकत योजना को सउदी अरब की सरकार ने सउदी नागरिकों को और अधिक नौकरियां प्रदान करने के लिए अपनाया गया है. एक अखबार कि रिपोर्ट के मुताबिक, सउदी सरकार ने 2016 में भारतीयों को केवल 1.65 लाख वीजा दिए थे, हालांकि यह आंकड़ा 2015 के आंकड़ों से 46 फीसदी कम है.
नए सउदी अरब श्रमिक वीजा व्यवस्था के मुताबिक, दूसरे देशों के कर्मचारियों को प्लेटिनम, ग्रीन, पीला और लाल में चार श्रेणियों में विभाजित किया गया हैं. ग्रीन श्रेणी को तीन और श्रेणियों में बांटा गया है, जो उच्च, मध्यम और निम्न हैं. फर्म के आकार, फर्म के उद्योग जैसे मामलों में सउदी कर्मचारियों का प्रतिशत और सउदी कर्मचारियों का वेतन फर्म की स्थिति का निर्धारण करने में मदद करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेटिनम और हाई ग्रीन स्टेटस वाले उन संगठनों को अब कर्मचारियों के लिए वीजा प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी.
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सउदी अरब में कार्यरत ज्यादातर भारतीय आतिथ्य और निर्माण व्यवसाय में काम कर रहे हैं, हालांकि इस तरह के नियमों से काम कर रहे भारतीयों को कोई लाभ नहीं हैं. जो सउदी कंपनियां वीजा आवेदन के लिए सक्षम नहीं हैं. वो केवल वीजा की स्पोनर्सशिप ट्रांसफर करने के बाद ही विदेशी कर्मचारियों को काम पर रख सकते हैं. इसका मतलब यह है कि वे केवल उन्ही कर्मचारियों को काम पर रख सकेंगे, जो पहले से ही सउदी अरब में हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सउदी अरब में वर्तमान में 30 लाख भारतीय हैं और यह देश सभी देशों में सबसे ज्यादा विदेशियों को काम पर रखते हैं.
केशवानंद धर दुबे