चीन ने मझधार में छोड़ा तो भारत के पास आया नेपाल

चीन से दो पावर प्रोजेक्ट्स में झटका मिलने के बाद अब नेपाल ने भारत से डील फाइनल की है. भारत की सरकारी कंपनी एनएचपीसी इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगी. ये दोनों प्रोजेक्ट्स नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र में विकसित किए जा रहे हैं जिनमें करीब 2.4 बिलियन खर्चा आने का अनुमान है.

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चीन से झटका लगा तो नेपाल को भारत ने दिया सहारा, ऐसे कर रहा मदद चीन से झटका लगा तो नेपाल को भारत ने दिया सहारा, ऐसे कर रहा मदद

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

चीन से जब नेपाल को दो बड़े पावर प्रोजेक्ट्स में झटका मिला तो अब नेपाल ने उन प्रोजेक्ट्स को लेकर भारत के साथ डील पक्की कर ली है. दरअसल, नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र में बन रहे दो पावर प्रोजेक्ट्स को पहले चीनी कंपनियां बना रही थीं. लेकिन बाद में किसी वजह से चीन की कंपनियों ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए. जिसके बाद अब दोनों प्रोजेक्ट्स को लेकर नेपाल और भारत के बीच बात आगे बढ़ गई है. 

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नेपाल के इन दोनों हायड्रो प्रोजेक्ट्स को बनाने के लिए भारत की सरकारी कंपनी नेशनल हायड्रो पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड( NHPC) और नेपाल इनवेस्टमेंट बोर्ड ने एग्रीमेंट साइन कर लिया है. नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के पड़ोसी देश भारत के साथ पावर सेक्टर में पार्टनरशिप को बढ़ाने के फैसले के बाद यह एग्रीमेंट साइन किया गया है.

नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड के चीफ सुशील भट्टा ने एनएचपीसी को लेकर कहा कि NHPC का इस तरह के प्रोजेक्ट्स को विकसित करने में अच्छा रिकॉर्ड रहा है. उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में एनएचपीसी के साथ और भी प्रोजेक्ट्स पर साथ काम करने की आशा है. वहीं एनएचपीसी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अभय कुमार सिंह ने कहा कि जब हम किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जुटते हैं तो उसे पूरा जरूर करते हैं.

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दोनों पावर प्रोजेक्ट्स का खर्चा 2.4 बिलियन डॉलर
नेपाल के दोनों 750MW वेस्ट सेती और 450MW एसआर6 प्रोजेक्ट्स को बनाने में कुल खर्च 2.4 बिलियन डॉलर बताया जा रहा है. पहले इन दोनों प्रोजेक्टों के लिए दो चीनी कंपनियों से डील हुई थी और दोनों ओर से एमओयू भी साइन कर लिया गया था. लेकिन कुछ ही समय बाद अलग-अलग कारणों की वजह से दोनों चीनी कंपनियों ने डील तोड़ दी थी.

अब एनएचपीसी इन प्रोजेक्ट्स को नेपाल के लिए विकसित करेगी. इसके लिए पहले एनएचपीसी दोनों प्रोजेक्ट्स को लेकर स्टडी करेगी जिसमें करीब दो साल का समय लग जाएगा. इसके बाद कंस्ट्रक्शन का कार्य शुरू किया जाएगा.

नेपाल के कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहीं भारतीय कंपनियां
नेपाल में एक 900mw के पावर प्रोजेक्ट पर पहले ही भारत की SJVN लिमिटेड काम कर रही है, इसके साथ ही ये कंपनी एक दूसरे 679 mw के प्रोजेक्ट पर भी पिछले साल से काम कर रही है. वहीं नेपाल के अच्छम, दाइलेख और सुर्खेत जिलों के बीच बन रहे अपर करनाली हायड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट पर भी भारतीय कंपनी जीएमआर का काम जारी है.

भारत और नेपाल मिलकर मचाएंगे पावर सेक्टर में धमाल
मालूम हो कि पावर सेक्टर में भारत और नेपाल एक साथ मिलकर आगे का भविष्य देखते हुए काम कर रहे हैं. नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी इस बात को कह चुके हैं. माना जा रहा है कि दोनों देशों को पावर सेक्टर में एक साथ आगे बढ़ने का फायदा भविष्य में देखने को मिलेगा.

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