श्रीलंका में बौद्ध भिक्षुओं के दबाव में मुस्लिम गवर्नरों ने दिया इस्तीफा

श्रीलंका 21 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की आग में अबतक सुलग रहा है. हमले ने वहां के सामाजिक ताने-बाने में अविश्वास का भाव पैदा कर दिया है. यह इस खबर से स्पष्ट है कि वहां मुस्लिम गवर्नर बौद्ध भिक्षुओं के दबाव के बाद इस्तीफा दे रहे हैं.

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आमरण अनशन पर बौद्ध भिक्षु Athuraliye Rathana Thera (फोटो- डीडी न्यूज का ट्विटर पेज) आमरण अनशन पर बौद्ध भिक्षु Athuraliye Rathana Thera (फोटो- डीडी न्यूज का ट्विटर पेज)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2019,
  • अपडेटेड 6:27 PM IST

श्रीलंका 21 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की आग में अबतक सुलग रहा है. हमले ने वहां के सामाजिक ताने-बाने में अविश्वास का भाव पैदा कर दिया है. यह इस खबर से स्पष्ट है कि वहां मुस्लिम गवर्नर बौद्ध भिक्षुओं के दबाव के बाद इस्तीफा दे रहे हैं. कैंडी शहर में बौद्ध भिक्षु अथुरालिए रथाना थेरा (Athuraliye Rathana Thera) मुस्लिम राज्यपालों के इस्तीफे की मांग को लेकर आमरण अनशन पर चले गए. उनके 4 दिन की भूख हड़ताल के बाद वहां दो मुस्लिम राज्यपालों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.  

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दो राज्यपालों ने राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा

बौद्ध भिक्षु थेरा के आमरण अनशन और इलाके के तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए गवर्नर एम.एल.ए.एम. हिजबुल्लाह (M.L.A.M. Hizbullah) और गवर्नर अज़थ साले (Azath Salley) ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना को सौंप दिया है. गवर्नर हिजबुल्लाह ने अपने इस्तीफे में कहा है कि 21 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की मुस्लिम उलेमाओं और मुस्लिम समुदाय ने बड़े पैमाने पर निंदा की थी. उसके बाद भी मुसलमानों को बदनाम करने और उनके खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश की गई.  

गवर्नर हिजबुल्लाह ने आगे कहा है कि उन्होंने ईस्टर्न प्रोविंस के गवर्नर के रूप में ईमानदारी और सच्ची निष्ठा के साथ सभी समुदायों के हित में काम किया. इसके बाद भी कुछ नस्लवादी ताकतों ने मेरे समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश के तहत बिना किसी कारण उनका इस्तीफा मांगा. उन्होंने राष्ट्रपति सिरिसेना से मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की है. गवर्नर हिजबुल्लाह ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि उनका इस्तीफा सरकार को मुस्लिम समुदाय की रक्षा के लिए मजबूती देगा. 

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गवर्नर हिजबुल्लाह का इस्तीफा (फोटो- गीता

गवर्नरों का हटाने की मांग पर आमरण अनशन

दरअसल, 31  मई को कैंड में अथुरालिए रथाना थेरा (Athuraliye Rathana Thera) नामक बौद्ध भिक्षु ईस्टर्न प्रोविंस के गवर्नर एम.एल.ए. एम हिजबुल्लाह (M.L.A.M. Hizbullah) और वेस्टर्न प्रोविंस के गवर्नर अज़थ साले (Azath Salley) के इस्तीफे की मांग पर आमरण अनशन पर चले गए. उनके 4 दिन की भूख हड़ताल पर सोमवार को इलाके में तनावपूर्व माहौल बन गया और सैकड़ों लोग बौद्ध थेरा के समर्थन में सड़कों पर उतर आए.

बौद्ध भिक्षु थेरा के समर्थन में सड़कों पर उतरे लोग   

सोशल मीडिया ट्विटर के कुछ यूजर्स ने अनशन कर रहे बौद्ध भिक्षु थेरा के समर्थन में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के वीडियो साझा किए हैं. जिनमें सैकड़ों लोग बौद्ध भिक्षु के थेरा के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सुनाई दे रहे हैं. हालांकि आजतक इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

गौरतलब है कि 21 अप्रैल को श्रीलंका में अबतक का सबसे विध्वसंक आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 290 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्च और होटलों समेत कुल 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे. हमले में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी.

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