ट्रंप के मेरिट आधारित इमिग्रेशन सिस्टम से भारत को फायदा?

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका में मेरिट आधारित इमिग्रेशन सिस्टम लागू किया जाएगा. इससे भारत के हाई-टेक प्रोफेशनल्स को फायदा हो सकता है.

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विष्णु नारायण

  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 9:32 AM IST

बराक ओबामा के बाद डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका में मेरिट आधारित इमिग्रेशन सिस्टम लागू किया जाएगा. इससे भारत के हाई-टेक प्रोफेशनल्स को फायदा हो सकता है. यूएस कांग्रेस में अपने पहले संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और दुनिया के कई अन्य देशों में मेरिट आधारित इमिग्रेशन सिस्टम लागू है.

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मौजूदा लोअर स्किल्ड इमिग्रेशन सिस्टम की बजाय मेरिट बेस्ड सिस्टम को अपनाने से कई फायदे होंगे. इससे बड़े पैमाने पर डॉलर्स की बचत होगी. वर्कर्स की सैलरी में इजाफा होगा. इसके अलावा संघर्षरत लोगों को फायदा होगा. इसके अलावा इमिग्रेंट परिवारों को भी मिडिल क्लास में दाखिला लेने में मदद मिलेगी.

इस मसले पर नैस्कॉम की कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन्स हेड कविता दोषी ने कहा कि ट्रंप का मौजूदा बयान उनके पुराने रुख के ही मुताबिक है. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने हमेशा से ही हाई स्किल्ड एंट्री दिए जाने की बात कही है. वह व्हाइट हाउस के मुख्य रणनीतिकार स्टीव बैनन के सिलिकॉन वैली में अधिक संख्या में भारतीय सीईओज के बयान पर कहती हैं कि स्टीव की तरह सभी लोग ऐसा नहीं सोचते.

गौरतलब है कि पिछले दिनों देश के अग्रणी अखबार के अटॉर्नी मार्क डेविस ने कहा था कि एच-1बी वीजा प्रोग्राम को हटाना ट्रंप का राजनीतिक पोजिशन है. इस तरह के बयानों का मकसद इस कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकना है. हालांकि वे मानते हैं कि इससे एल-1 वीजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनका कहना है कि ट्रंप लगातार बिजनेस और टेक कम्युनिटी को सपोर्ट करते रहे हैं. साथ ही वे हमेशा से हाई स्किल्ड लोगों को अमेरिका में आमंत्रित करते रहे हैं.

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