मजार-ए-शरीफ भी हाथ से गया, अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर पर तालिबान का कब्जा

तालिबान ने अफगान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर भी कब्जा जमा लिया है. मालूम हो कि मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान का काफी अहम शहर माना जाता है और पांच लाख से अधिक आबादी रहती है.

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अफगानी सेना और तालिबान में जंग जारी (AP/PTI ) अफगानी सेना और तालिबान में जंग जारी (AP/PTI )

aajtak.in

  • काबुल,
  • 14 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:40 AM IST
  • ज्यादातर इलाकों पर तालिबान का कब्जा
  • चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ भी कब्जाया
  • पांच लाख से ज्यादा है मजार की आबादी

अफगानिस्तान में तालिबान का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक तालिबान के लड़ाके नए-नए प्रांत पर कब्जा जमाते जा रहे हैं और अफगानिस्तान की सेना कुछ नहीं कर पा रही. तालिबान ने अफगान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर भी कब्जा जमा लिया है. मजार-ए-शरीफ अफगानिस्तान का काफी अहम शहर माना जाता है और पांच लाख से अधिक आबादी रहती है.

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अफगानिस्तान के एक सांसद ने दावा किया है कि बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ तालिबान के कब्जे में आ गई है. तालिबान के लड़ाकों ने मजार पर बड़ा हमला किया था. पिछले कई दिनों से लड़ाके शहर के बाहरी इलाकों पर कब्जा जमाए बैठे थे और भीतर दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, अफगानिस्तान की सेना लड़ाकों को मुख्य शहर में आने से रोकने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हुई थी.

तालिबान के लड़ाकों ने शनिवार को ही मजार-ए-शरीफ पर जोरदार हमले करने की शुरुआत कर दी थी. उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने कहा था कि तालिबान ने 14 अगस्त को कई दिशाओं से शहर पर हमला किया. इस हमले में कितने लोगों की जान गई, इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी. अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 11 अगस्त को मजार-ए-शरीफ का दौरा किया था और सुरक्षा मसलों पर अहम बैठक की थी.

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अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बाद तालिबान अफगानिस्तान में मजबूत होता जा रहा है. हेरात, कंधार, हेलमंद आदि पर कब्जा कर चुका है और अब अगला निशाना काबुल है. तालिबान के लड़ाके दक्षिण के लोगार प्रांत पर भी कब्जा जमा चुके हैं. अब काबुल महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है.

अफगानिस्तान में 20 सालों तक जंग लड़ने के बाद अमेरिका ने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला लिया है. 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने अफगान की धरती पर अपने सैनिकों को उतारा था, जहां पर वे दो दशक तक आतंकियों से जंग लेते रहे. अब सितंबर तक अमेरिकी सैनिक पूरी तरह से वतन वापस चले जाएंगे. अमेरिका के इस फैसले के बाद तालिबान ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया. कुछ ही दिनों में उसने देश के आधे से ज्यादा प्रांतों पर कब्जा जमा लिया.

 

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