चीन की OBOR परियोजना से निपटने को जापान ने बनाई रणनीति, भारत और US होंगे शामिल

चीन की 'वन बेल्ट वन रोड परियोजना' (OBOR)  के जवाब में अब जापान हाई-स्पीड रोड नेटवर्क योजना लाएगा, जो एशिया को अफ्रीका से जोड़गी. इसके लिए जापान भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को भी साथ लाने की तैयारी में है.

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जापान के प्रधानमंत्री आबे और पीएम मोदी जापान के प्रधानमंत्री आबे और पीएम मोदी

राम कृष्ण

  • टोक्यो,
  • 27 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

भारत, जापान और अमेरिका ने मिलकर चीन की दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी बनने की कोशिश को तगड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है. चीन की 'वन बेल्ट वन रोड परियोजना' (OBOR)  के जवाब में अब जापान हाई-स्पीड रोड नेटवर्क योजना लाएगा, जो एशिया को अफ्रीका से जोड़गी. इसके लिए जापान भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को भी साथ लाने की तैयारी में है. जापान की इस नई परियोजना में भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की अहम भूमिका होगी.

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जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने मीडिया से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस रणनीतिक प्रस्ताव को जल्द ही चारों देशों के समक्ष रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि जापान की इस योजना के तहत एशिया से अफ्रीका तक बंदरगाह और हाई-स्पीड रोड जाल बिछाया जाएगा. जापान की इस योजना का मकसद चीन की OBOR परियोजना का मुलाबला करना है. मालूम हो कि चीन OBOR परियोजना के जरिए दुनिया भर में अपना आर्थिक प्रभुत्व कायम करना चाहता है.

भारत समेत कई देश चीन की इस परियोजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं. भारत बीजिंग में वन बेल्ट वन रोड परियोजना को लेकर आयोजित समिट का भी बहिष्कार कर चुका है. हालांकि चीन इस परियोजना में भारत को शामिल करने की पुरजोर कोशिश में लगा हुआ है. वह यह बात जानता है कि भारत को शामिल किए बिना वह अपनी इस सबसे महत्वाकांक्षी योजना को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाएगा. लिहाजा बृहस्पतिवार को चीन ने फिर से कहा कि भारत को अपनी आपत्तियों को छोड़कर OBOR में शामिल हो जाना चाहिए.

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निकेई बिजनेस डेली ने तारो कोनो ने हवाले से कहा कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से होने छह नवंबर को होने वाली मुलाकात के दौरान इस बाबत प्रस्ताव रखेंगे. इसके तहत चारों देश जमीन और समुद्र के रास्ते होने वाले व्यापार और सुरक्षा मामलों में सहयोग बढ़ाएंगे. जापान की यह योजना भारत के लिए सबसे अहम है. इससे भारत को चीन की OBOR परियोजना से निपटने में मदद मिलेगी. भारत इसलिए भी चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना का विरोध कर रहा है, क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरत है.

भारत का कहना है कि PoK उसका हिस्सा है. लिहाजा चीन उसकी स्वीकृति लिए बिना कोई काम शुरू नहीं कर सकता है. भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा था कि चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना के जवाब में भारत और अमेरिका को एशिया से अफ्रीका को जोड़ने के लिए मिलकर बंदरगाह और सड़कों का निर्माण करना चाहिए.

बृहस्पतिवार को जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने कहा कि हम ऐसे युग में रह रहे हैं, जिसमें जापान को कूटनीतिक तौर पर बल देते हुए बड़ी रणनीतिक तस्वीर खींचनी होगी. इसका मकसद समुद्र को फ्री और ओपन बनाए रखना है. इसमें आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े मसले पर वार्ता भी होगी.' उन्होंने कहा कि जापान एशिया से अफ्रीका तक उच्च स्तरीय आधारभूत ढांचा तैयार करना चाहता है.

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