विदेश मंत्री जयशंकर रूस के पांच दिनों के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव से मुलाकात की. जयशंकर के इस दौरे को दोनों देशों के संबंधों के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध बहुत बहुत मजबूत और स्थाई रहे हैं. उन्होंने इस दौरान अपने रूसी समकक्ष सर्गेइ लावरोव से मुलाकात की. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई.
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार संपर्क में बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे संबंध बहुत मजबूत रहे हैं. मुझे लगता है कि हमारे संबंध बहुत रणनीतिक रहे हैं. इस बार हम छह बार मुलाकात कर चुके हैं और यह हमारी सातवीं बैठक है.
भारत की विदेश नीति दुनिया के लिए उदाहरण
रूस का कहना है कि भारत हमारे सबसे महत्वपूर्ण साझेदार हैं. जयशंकर ने क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव को बताया कि रूस आकर हमेशा अच्छा लगता है. मैं आपसे सहमत हूं कि हमारे संबंध बहुत मजबूत और स्थाई रहे हैं. मुझे लगता है कि हम एक विशेष और रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारी पर खरे उतरे हैं.
इस दौरान रूस ने कहा कि भारत की विदेश नीति सिर्फ रूस के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए उदाहरण है. बता दें कि जयशंकर ने मंगलवार को रूस के उपप्रधानमंत्री मानतुरोव से बैठक की थी.
इस दौरान तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्लांट में बिजली उत्पादक इकाइयों के निर्माण से संबंधित कुछ ‘महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे.
बता दें कि भारत और रूस के बीच संबंध यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बाद से ही मजबूत बने हुए हैं. भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की थी. इस बीच भारत ने भारी छूट पर रूस से कच्चा तेल खरीदा था. भारत ने कहा कि इस तरह के संकट को बातचीत और डिप्लोमेसी से सुलझाया जाना चाहिए.
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