'इतिहास बिना दया किए आपका मूल्यांकन करेगा', गाजा जंग इंटरनेशनल कोर्ट में ले जाने पर इजरायल का अफ्रीका को जवाब

इजरायल की गाजा पट्टी में जवाबी कार्रवाई को साउथ अफ्रीका ने नरसंहार बताकर इंटरनेशनल कोर्ट में मुकदमा किया है. इजरायल की ओर से बताया गया है कि वह कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा. इजरायली प्रवक्ता ने कहा कि इतिहास साउथ अफ्रीका का भी मूल्यांकन करेगा.

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Israel Prime Minister Benjamin Netanyahu (File Photo) Israel Prime Minister Benjamin Netanyahu (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST

हमास ने बीते 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इस दौरान हमास के लड़ाकों ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक भी बना लिया था. इस हमले की जवाबी कार्रवाई में इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में ग्राउंड ऑपरेशन चलाया, जिसमें हमास के कई लड़ाके मारे गए. इजरायल की जवाबी कार्रवाई के खिलाफ साउथ अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में केस किया है. 

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इजराइल सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि इजराइल गाजा में चल रहे ऑपरेशन के खिलाफ दायर साउथ अफ्रीका के नरसंहार के आरोपों का मुकाबला करने के लिए वह इंटरनेशनल कोर्ट में पेश होगा. साउथ अफ्रीका ने शुक्रवार को आईसीजे से एक तत्काल आदेश देने की मांग की, जिसमें कहा गया कि इजराइल हमास के खिलाफ कार्रवाई में 1948 के कानूनों का उल्लंघन कर रहा है. 

इतिहास साउथ अफ्रीका का मूल्यांकन करेगा: इजरायल

इजरायल के प्रवक्ता इलोन लेवी ने कहा, "हम साउथ अफ्रीका के नेताओं को आश्वस्त करते हैं कि इतिहास आपका मूल्यांकन करेगा और ये बिना किसी दया के आपका मूल्यांकन करेगा." इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मुकदमा निराधार था. 

हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले के खिलाफ इजरायल ने ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया है. इजरायली सेना के एक्शन में गाजा पट्टी में अबतक 22 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं. हालांकि इनमें हमास के लड़ाके कितने हैं और आम लोग कितने हैं, इसकी जानकारी नहीं है.  

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गाजा में 70 फीसदी महिलाओं और बच्चों की मौत

फिलिस्तीन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि गाजा में मरने वालों में 70 फीसदी महिलाएं और 18 साल से कम उम्र के लोग हैं. हालांकि इजरायल का कहना है कि आईडीएफ ने आठ हजार लड़ाकों को ढेर किया है. 

इजरायली प्रवक्ता ने लड़ाकों के अलावा आम नागरिकों के नुकसान को कम करने के लिए आईडीएफ द्वारा उठाए गए उपायों के बारे भी बताया. लेवी ने कहा, "हमास ने शुरू किए गए युद्ध के लिए पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली है और यह युद्ध "अस्पतालों, स्कूलों, मस्जिदों, घरों और संयुक्त राष्ट्र सुविधाओं के अंदर और नीचे से चल रहा है."  

उन्होंने विस्तार से बताए बिना यह भी कहा कि इजरायलियों के खिलाफ हमास के अपराधों में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल था. हमास गाजा की आबादी को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने से इनकार करता है. 

इजरायली ड्रोन हमले में मारा गया हमास कमांडर

इस बीच बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहियाह पर इजरायल के ड्रोन हमले में हमास के सीनियर नेता सालेह अल-अरौरी की मौत हो गई है. यह इलाका लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्ला का गढ़ माना जाता है. हालांकि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सवाल पर इजरायली सेना ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.  

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अरौरी हमास के पोलित ब्यूरो में सीनियर सदस्य था और इसके सैन्य विंग, क़सम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक था, जिसने 7 अक्टूबर को इजरायली क्षेत्र में घातक हमला किया था. अमेरिका ने पिछले साल अरौरी की जानकारी देने वाले को 5 मिलियन डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी. 
 

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