रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में इजरायल मध्यस्थता करने जा रहा है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की प्रशासन के प्रमुख एंड्री यरमक (Andriy Yermak) ने यह जानकारी दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच रार थमने को लेकर कुछ बात बन सकती है. इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी.
रूसी मीडिया ने रविवार को दावा किया कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की हर मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार हैं. पहले ही तीन दौर की बातचीत हो चुकी है, ऐसे में रूस के इस दावे को सकारात्मक रूप में लिया जा रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने भी यरुशलम में पुतिन से मिलने का प्रस्ताव रखा है. जेलेंस्की ने ही इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की अपील की थी.
यरुशलम दरअसल यहूदी और ईसाइयों की पवित्र नगरी है और इजरायल यहूदी धर्म के अनुयायियों को लेकर संवदेना और सहानुभूति रखता है. बता दें कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की खुद यहूदी हैं. हालांकि, फिलहाल इजरायल इस मामले में तटस्थ रहकर अपनी भूमिका निभा रहा है.
इजराइल का मानना है कि वह संकट को कम करने के लिए रूस के साथ बातचीत बनाए रखेगा. इसी के चलते इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट 5 मार्च की रात अचानक रूस जा पहुंचे थे. राजधानी मॉस्को में इसी मसले को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमिर और बेनेट के बीच ढाई घंटे से भी ज्यादा समय तक बातचीत हुई थी.
उधर, रूस और यूक्रेन के बीच तीन दौर की वार्ता विफल रहने के बाद आज चौथे दौर की बातचीत जारी है. इसी बीच यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमले भी जारी हैं. वहीं, ब्रिटेन ने दावा किया है कि रूस के नौसैनिकों ने काला सागर (Black Sea) के यूक्रेन से लगे सुमद्री तट की नाकाबंदी कर दी है जिससे यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार से कट गया है.
बता दें कि हमलावर रूस पर अमेरिका, यूरोप समेत तमाम देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं जिसके बदले में रूस भी उन देशों की राह में रुकावट डालने की कोशिश कर रहा है.
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