ईरान और इजरायल दोनों ने 12 दिन चले युद्ध के बाद खुद को "विजेता" बताया है. हालांकि इजरायल की प्रमुख मंशा - ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करना - पूरी नहीं हो सकी, वहीं ईरान का डिफेंस सिस्टम जबरदस्त बमबारी और मिसाइल हमलों के सामने लगभग ध्वस्त हो गई.
इस रिपोर्ट में इंडिया टुडे ने ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT), ओपन सोर्सेज से मिले वीडियो फुटेज, सरकारी घोषणाओं और विभिन्न मीडिया रिपोर्टरों के जमीनी कवरेज के आधार पर इस युद्ध के पूरे घटनाक्रम की एक बड़ी तस्वीर खींचने की कोशिश की है.
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ईरान को हर पैमाने पर भारी नुकसान
आकलन के मुताबिक, ईरान को हर स्तर पर बहुत ज़्यादा नुकसान हुआ - नागरिक और सैन्य मौतों की संख्या से लेकर मिसाइलों और बमों की मार तक ईरान हर मोर्चे पर पिछड़ता नजर आया.
ईरान में 620 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जिनमें 12 परमाणु वैज्ञानिक और 20 वरिष्ठ सैन्य कमांडर शामिल थे. इनके अलावा लगभग 4,870 लोग घायल हुए. दूसरी तरफ इजरायल में 28 नागरिक मारे गए और 3,200 से ज्यादा घायल हुए, लेकिन कोई भी इजरायली सैनिक नहीं मारा गया.
तेहरान और अन्य इलाकों पर इजरायली हमले
ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों के अलावा, इजरायली सेना ने 13 जून से 24 जून के बीच पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य ईरान के 300 से अधिक स्थानों पर बमबारी और मिसाइल हमले किए. सिर्फ राजधानी तेहरान में ही 180 से ज़्यादा हवाई हमले किए गए.
मुकाबले में एयर डिफेंस सिस्टम का प्रदर्शन
इजरायल की अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ने ईरान द्वारा छोड़ी गई 540 से अधिक मिसाइलों को बीच में ही रोक लिया, लेकिन ISW (इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर) के मुताबिक, लगभग 60 ईरानी मिसाइलें इजरायल की डिफेंस सिस्टम से बच निकलीं और जमीन पर गिरीं. इन मिसाइलों का ज्यादातर असर घनी आबादी वाले इलाकों में हुआ, जिनमें तेल अवीव जैसे शहर शामिल हैं.
ईरान की एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म करना
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने 13 जून को युद्ध की शुरुआत में ही ईरान की जवाबी हमला करने की क्षमता को कमजोर करने के लिए उसके मिसाइल लॉन्चर और गोला-बारूद स्टॉक को निशाना बनाना शुरू कर दिया था.
पुष्टि की गई हवाई हमलों के आधार पर इजरायल ने ईरान की 54 बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को पूरी तरह नष्ट किया और 6 को नुकसान पहुंचाया. इनके अलावा, इजरायल ने कम से कम 6 सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम को तबाह किया जो इजरायली विमानों को निशाना बना सकती थीं. इसके साथ ही इजरायली हमलों में ईरान के 12 AH-1J कोबरा हेलीकॉप्टर, 3 लड़ाकू विमान और एक टैंकर विमान भी तबाह किया गया.
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ईरानी जवाबी हमले की क्षमता सीमित रही
ISW की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने शुरू में इजरायल पर 100 बैलिस्टिक मिसाइलें दागने की योजना बनाई थी, लेकिन पूरे युद्ध के दौरान वह एक बार में 40 से अधिक मिसाइलें कभी नहीं दाग सका.
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि इजरायल ने ईरान के अंदर एक गुप्त एकतरफा ड्रोन बेस बनाया था, जिसका इस्तेमाल तेहरान के पास ईरानी मिसाइल लॉन्चरों पर हमला करने के लिए किया गया. साथ ही, इजरायल ने ईरानी मिसाइल निर्माण इकाइयों और उपकरणों को भी निशाना बनाया.
इजरायल में ईरानी मिसाइलों का असर
हालांकि इजरायल की डिफेंस सिस्टम काफी प्रभावशाली रही, फिर भी कुछ ईरानी मिसाइलें इजरायल के महत्वपूर्ण और रिहायशी इलाकों तक पहुंच गईं. इनमें इजरायली सेना का मुख्यालय किरयत, जासूसी एजेंसी मोसाद का मुख्यालय (तेल अवीव में), और हाइफा का तेल रिफाइनरी शामिल हैं.
ईरानी हमले मुख्य रूप से तेल अवीव और केंद्रीय इजरायल के अन्य हिस्सों पर केंद्रित थे, हालांकि कुछ मिसाइलें लेबनान की सीमा से लगे इजरायली कस्बों में भी गिरीं. इजरायल के दक्षिणी इलाके नेगेव रेगिस्तान में एक बड़ा अस्पताल भी हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ.
शुभम तिवारी / आकाश शर्मा