लगभग दो महीनों से ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी है. हिजाब विरोधी प्रदर्शन को विश्व के कई देशों का समर्थन मिल चुका है. इसी बीच गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा है कि हम ईरान को आजाद करने जा रहे हैं. जो बाइडेन ईरान में पुलिस कस्टडी में हुई महसा अमिनी की मौत का विरोध कर रहे लोगों को संबोधित कर रहे थे.
वहीं, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहम रईसी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ईरान 1979 में ही इस्लामिक क्रांति के बाद आजाद हो गया था. इस्लामिक क्रांति के बाद 11 फरवरी 1979 को ईरान से अमेरिकी समर्थक पहलवी राजवंश की समाप्ति हुई थी.
ईरान जल्द ही आजाद होगा- जो बाइडेन
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता माइक लेविन के चुनावी रैली के दौरान बाइडेन ने कहा, "चिंता मत कीजिए, हम ईरान को जल्द ही आजाद करने जा रहे हैं." इस रैली में बाइडेन के समर्थक अपने मोबाइल फोन पर 'फ्री ईरान' का डिस्प्ले फोटो लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद बाइडेन ने कहा कि वे लोग ( ईरान के प्रदर्शनकारी ) बहुत जल्द ही खुद को आजाद करने वाले हैं.
हिजाब विरोधी प्रदर्शन का समर्थन करने के कारण बाइडेन सरकार को ईरानी अमेरिकी कार्यकर्ताओं की ओर से काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
ईरान ने दिया जवाब
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहम रईसी ने अमेरिका को करारा जवाब देते हुए कहा है कि ईरान 1979 में ही इस्लामिक क्रांति के बाद आजाद हो गया था. टेलीविजन पर दिए भाषण में ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान आज से 43 साल पहले ही आजाद हो चुका है और हम अमेरिका के लिए दुधारू गाय नहीं बनने वाले हैं.
ईरान पर लगा चुका है प्रतिबंध
हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ क्रूर व्यवहार करने के आरोप में अमेरिका ने पिछले ही महीने ईरान के अधिकारियों पर कई सारे प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका ने ईरान के एक दर्जन से अधिक अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है.
रूस को ड्रोन सप्लाई और टेक्निकल मदद करने के आरोप में भी अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. अगस्त में अमेरिका ने सीरिया में ईरान समर्थित सेना पर हमला करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद अमेरिका ने भी सैन्य हमले का आदेश दिया था.
कैसे इस्लामिक क्रांति से आजाद हुआ था ईरान
1979 में ईरानी धार्मिक नेता अयातुल्लाह रूहोल्लाह खुमैनी (Ayatollah Ruhollah Khomeini) ने इस क्रांति का नेतृत्व किया था. इस क्रांति ने तत्कालीन शाह मोहम्मद रजा पहलवी को सत्ता से बेदखल कर दिया था. इस तरह से 11 फरवरी 1979 को ईरान से अमेरिकी समर्थक पहलवी राजवंश के शासन की समाप्ति हुई थी. इसके बाद अयातुल्लाह रूहोल्लाह खोमैनी को देश का सर्वोच्च नेता चुना गया था.
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