ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी की बेटी फातिमा की शादी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा, जिसमें वह स्ट्रैपलेस वेडिंग गाउन पहने दिख रही हैं. यह शादी पिछले साल हुई थी, जिसका वीडियो अब वायरल हो रहा है. वेस्टर्न स्टाइल वाली इस ग्रैंड वेडिंग सेरेमनी ने अपने सख्त हिजाब कानूनों के लिए जाने जाने वाले ईरान में सत्ताधीशों के पाखंड को उजागर किया है.
वीडियो में 70 वर्षीय शमखानी अपनी बेटी को तेहरान के लग्जरी एस्पिनास पैलेस होटल में वेडिंग स्टेज तक ले जाते दिख रहे हैं. वायरल वीडियो में ब्राइड फातिमा लो नेकलाइन वाले स्ट्रैपलेस व्हाइट गाउन पहनकर वेडिंग हॉल में एंट्री करती दिख रही हैं, जहां जोरदार तालियों से उनका स्वागत होता है. इवेंट में म्यूजिक भी गूंज रहा है और कई महिलाएं बिना हिजाब के दिख रही हैं.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद ईरान के एंटी-हिजाब एक्टिविस्ट और सोशल मीडिया यूजर्स इस इस्लामिक गणराज्य के राजनीतिज्ञों और उनके करीबी अधिकारियों के 'डबल स्टैंडर्ड' की तीखी आलोचना कर रहे हैं. अली शमखानी, जो ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के लंबे समय से करीबी सहयोगी और सैन्य कमांडर हैं, खुद हिजाब और पब्लिक एथिक्स पॉलिसी के सख्त समर्थक माने जाते हैं.
उन्होंने 2013 से 2023 तक सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (SNSC) के सेक्रेटरी के रूप में काम किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी नीतियों के लिए जिम्मेदार सर्वोच्च निकाय है. एसएनएससी ने 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में भड़के हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के खिलाफ क्रूर कार्रवाई की थी. 22 वर्षीय अमिनी को तेहरान में अपने परिवार के साथ बाहर होने के दौरान हिजाब नियमों का कथित उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, और उनकी पुलिस हिरासत में टॉर्चर से मौत हो गई थी.
अमिनी की मौत के बाद पूरे ईरान में बड़े पैमाने पर हिजाब विरोध प्रदर्शन हुए थे, जो महीनों तक चले थे. ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, इन प्रदर्शनों में 68 बच्चों सहित 500 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें सैकड़ों प्रदर्शनकारी और दर्जनों सुरक्षा बल भी शामिल थे. अली शमखानी की बेटी की शादी का वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब ईरान महिलाओं द्वारा ड्रेस कोड के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए 80,000 नैतिकता पुलिस अधिकारियों को तैनात करने की योजना बना रहा है. इस कारण तेहरान में रोष फैल गया है और वर्तमान शासन पर दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप लग रहे हैं.
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ईरान के कई लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने शमखानी की बेटी की वेस्टर्न स्टाइल वाली ग्रैंड वेडिंग की कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि जब देश आर्थिक कठिनाइयों और प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, उस दौरान इस तरह के भव्य शादी समारोह का आयोजन पाखंड का भौंडा प्रदर्शन है. 2022 के आंकड़ों के अनुसार, ईरान की आधी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है. महंगाई दर 42.4% वार्षिक और बेरोजगारी दर 9% पहुंच गई है, जिसने नागरिकों में गुस्सा पैदा किया है.
ईरान के निर्वासित लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने ट्वीट किया, 'यह शादी दिखाती है कि कैसे कुलीन वर्ग आम जनता को सादगी का उपदेश देता है, जबकि उनकी खुद की बेटियां डिजाइनर ड्रेस में परेड करती हैं. जिस ईरान में महिलाओं को अपना सिर नहीं ढकने के लिए पीटा जाता है, और युवा अपनी शादी का खर्च नहीं उठा सकते... वहीं ऐसी शादियां भी हो रही हैं. यह पाखंड नहीं, बल्कि व्यवस्था है. आम जनता के लिए अलग, सत्ताधीशों के लिए अलग.'
वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वीडिश-ईरानी सांसद अलीरेजा अखोंदी ने इसे 'पाखंड का प्रदर्शन' करार दिया. उन्होंने कहा, 'वह (अली शमखानी की बेटी फातिमा) इसलिए आजाद है, क्योंकि उसके पिता सत्ताधीशों के करीबी हैं. अब यह (ईरान में महिलाओं के लिए लागू हिजाब नीति) धर्म का मामला नहीं रहा. यह सत्ताधीशों के पाखंड, भ्रष्टाचार और महिलाओं को डराकर रखने का मामला है. स्वतंत्र विचार रखने वाली और अपने लिए फैसले लेने वाली महिलाओं को डराकर रखने का एक जरिया है.'
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