ईरान की राजधानी तेहरान में शनिवार को इस महीने इजरायल के साथ हवाई युद्ध के दौरान मारे गए शीर्ष सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों और कुछ नागरिकों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काले कपड़े पहने शोक मनाने वालों की बड़ी भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी. ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार 16 वैज्ञानिक और 10 वरिष्ठ सैन्य कमांडरों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें ईरानी सशस्त्र बलों के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल हुसैन सलामी और गार्ड्स एयरोस्पेस फोर्स के चीफ जनरल आमिर अली हाजीजादेह शामिल थे.
इन सभी के ताबूतों को तेहरान के फ्रीडम स्क्वायर पर ले जाया गया और उनकी तस्वीरों और राष्ट्रीय झंडों से इन्हें सजाया गया. यहां उमड़ी भीड़ ने ईरान के झंडे लहराए और कुछ लोगों ने ताबूतों को छूने और उन पर गुलाब की पंखुड़ियां बिखेरने की कोशिश की. जहां सभी के शवों को रखा गया था, वहां ईरान के प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइलों की तस्वीरें प्रदर्शित की गईं. बाद में फ्रीडम स्क्वायर पर सामूहिक प्रार्थना आयोजित की गई. ईरान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर ने बताया कि इजरायल के साथ युद्ध में मारे गए कुल 60 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे शामिल थे.
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इस अवसर पर राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान और अन्य वरिष्ठ राजनेता और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें अली शमखानी भी शामिल थे, जो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार हैं. वह इजरायली हवाई हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. अयातुल्ला अली खामेनेई के पुत्र मोजतबा भी मौजूद थे. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक टेलीग्राम पोस्ट में कहा, 'आज ईरानियों ने परमाणु हथियारों से लैस दो शासनों के खिलाफ वीरतापूर्ण प्रतिरोध के माध्यम से अपने सम्मान और गरिमा की रक्षा की है, तथा भविष्य की ओर पहले से कहीं अधिक गौरवपूर्ण, अधिक गरिमापूर्ण और अधिक दृढ़ संकल्प के साथ देख रहे हैं.'
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया, जो संघर्ष शुरू होने के बाद से सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए हैं. पिछले अंतिम संस्कारों में, उन्होंने सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित सार्वजनिक समारोहों से पहले वरिष्ठ कमांडरों के ताबूतों पर प्रार्थना का नेतृत्व किया था. इजरायल ने 13 जून को तेहरान समेत ईरान के कई शहरों पर हवाई हमले शुरू किए थे, जिसमें ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया. इजरायल ने तेहरान में कुछ रिहायशी इमारतों पर भी हमले किए, जिनमें कई शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ-साथ कुछ नागरिकों की भी मौत हुई थी. ईरान ने इन हमलों के जवाब में इजरायली शहरों पर मिसाइलें दागी थीं.
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