सिंगापुर के एक सबसे पुराने हिंदू मंदिर से हैरतअंगेज मामला सामने आया है. मंदिर के एक मुख्य पुजारी को 15 लाख डॉलर के आभूषण गिरवी करने के आरोप में छह साल की सजा सुनाई गई है. यह पुजारी भारतीय है.
सिंगापुर के चाइनाटाउन जिले के श्री मरिअम्मन मंदिर के पुजारी कंडासामी सेनापति को दिसंबर 2013 में हिंदू एनडाउमेंट्स बोर्ड ने बतौर पुजारी नियुक्त किया था. उन्होंने 30 मार्च 2020 को इस्तीफा दे दिया था.
चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड से धोखाधड़ी करने और पैसे को देश से बाहर भेजने के आरोप में दोषी करार दिया गया. इस मामले की जानकारी 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सार्वजनिक हो पाई. दरअसल उस समय नियमित ऑडिट के दौरान पता चला कि कई आभूषण लापता हैं.
साल 2014 में पुजारी के अधिकार क्षेत्र में मंदिर के गर्भगृह की तिजोरी की चाबियां और नंबर कोड था, जहां मंदिर के स्वामित्व वाले सोने के 255 आभूषण रखे हुए थे, जिनका कुल मूल्य 11 लाख सिंगापुरी डॉलर बताया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुजारी ने 2016 में 172 बार सोने के 66 आभूषणों को गिरवी रखा. वह 2016 से 2020 के बीच कई बार मंदिर के आभूषणों को गिरवी रखता रहा. वह ऑडिट के समय गिरवी रखे आभूषणों को वापस लाकर मंदिर के गर्भगृह में रख देता और ऑडिट प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह एक बार फिर आभूषणों को गिरवी रख देता और उसके बदले में पैसे उधार ले लेता.
पुजारी ने 2016 से 2020 के बीच आभूषण गिरवी रखकर 2,328,760 सिंगापुरी डॉलर कमाए. इनमें से कुछ धनराशि उसने अपने बैंक अकाउंट में जमा की जबकि बाकी भारत भेज दी.
जून 2020 में ऑडि के दौरान पुजारी ने मंदिर की वित्त टीम के एक सदस्य से कहा कि उसके पास गर्भगृह के खजाने की चाबी नहीं है और शायद वह भारत दौरे के समय वहीं भूल आया है. लेकिन दबाव डालने पर उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. इस संबंध में मंदिर की वित्तीय टीम ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद यह मामला अदालत पहुंचा.
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