PAK को चेतावनी- आतंकियों को रोको, जवान शहीद होते रहे तो कब तक शांत रहेगा भारत?

अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि अगर भारत के सैनिकों और उसके नागरिकों पर हमले होते रहे तो वह चुप नहीं बैठेगा. इसके साथ ही उन्होंने इस्लामाबाद से उसकी जमीन पर सक्रीय कट्टरपंथी ताकतों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

साद बिन उमर

  • वाशिंगटन,
  • 10 मई 2017,
  • अपडेटेड 2:09 PM IST

अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि अगर भारत के सैनिकों और उसके नागरिकों पर हमले होते रहे तो वह चुप नहीं बैठेगा. इसके साथ ही उन्होंने इस्लामाबाद से उसकी जमीन पर सक्रीय कट्टरपंथी ताकतों पर कार्रवाई करने की मांग की है.

हाउस डेमोक्रेटिक कॉकस के अध्यक्ष जो क्राउली ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों के कारण पिछले कुछ महीनों से भारत-पाक सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. क्राउली ने इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप सरकार से पाकिस्तान पर ज्यादा दबाव बनाने की मांग की.

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अमेरिकी सांसद ने एक सवाल के जवाब में कहा, (उन्हें) पाकिस्तान का समर्थन है. उन्हें (ट्रंप प्रशासन) भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव फैलाने वाले लश्कर-ए-तैयबा तथा अन्य आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए और कोशिश करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यहां इस बात पर जोर है कि उन्हें (पाकिस्तान) अपने क्षेत्र के अंदर सक्रिय हिंसक और कट्टरपंथी संगठनों के सफाए के लिए और प्रयास किए जाने की जरूरत है, क्योंकि अगर भारत के नागरिकों और सैनिकों पर हमले होते रहे तो वह चुप नहीं बैठेगा.

सांसद क्राउली ने कहा कि इन मुद्दों को दोनों देशों को द्विपक्षीय तरीके से हल करना चाहिए. उन्होंने कहा, लेकिन मेरा मानना है कि एक भूमिका है जो अमेरिका निभा सकता है और वह यह कि भारत और पाकिस्तान का दोस्त होने के नाते अमेरिका क्षेत्र में शांति और समन्वय की राह तलाशने के लिए मित्र देशों पर दबाव बना सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान नीति पर भारत से जानकारी मांगेगा. माना जा रहा है कि उसे अंतिम रूप दिए जाने के लिए काम चल रहा है.

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क्राउली ने कहा, मैं यकीनन यह उम्मीद करता हूं कि भारत सरकार की राय को राष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय ध्यान में रखेगा. भारतीय जनता और सरकार ने लगातार आतंकवादी हमले झेले हैं. उन्होंने कहा कि कोई सिद्धांत बनाने से पहले अफगानी जनता और भरतीय जनता के बीच ऐतिहासिक संबंधों को ध्यान में रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस तरह के सिद्धांत की जरूरत आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए क्षेत्र में शांति और समन्वय को बनाने रखने के लिए है.

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