आतंक के स्पॉन्सर पाकिस्तान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना रोना रोकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है. अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) निलंबित कर दिया था जिससे बौखलाया पाकिस्तान लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए खुद को पीड़ित बताने की कोशिश की और समझौता बहाली की मांग की है.
अप्रैल के पहलगाम हमले में पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी. इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि निलंबित कर दी. अब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत से संधि का पूरी तरह पालन करने की अपील की है.
इसी के साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि भारत की तरफ से सिंधु जल संधि का 'एकतरफा निलंबन' साझा प्राकृतिक संसाधनों के 'जानबूझकर हथियारकरण' का उदाहरण है. पाकिस्तान ने बेसिर-पैर का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऐसी स्थिति पारिस्थितिक तंत्र और लाखों लोगों की आजीविका को खतरे में डालती है.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने यह टिप्पणी सुरक्षा परिषद की उस ब्रीफिंग के दौरान की जिसमें सशस्त्र संघर्षों के पर्यावरणीय प्रभाव और जलवायु से जुड़े सुरक्षा जोखिमों पर चर्चा हो रही थी.
अहमद ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोना रोते हुए कहा, 'भारत का अवैध एकतरफा फैसला न केवल संधि की भावना और प्रावधानों को कमजोर करता है, बल्कि इससे डेटा शेयरिंग भी रुक गई है. इस वजह से उन लाखों लोगों का जीवन खतरे में आ गया है जो भोजन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए इन जलस्रोतों पर निर्भर हैं. ऐसे कदम केवल एक देश को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जल कानूनों में भरोसे को भी कमजोर करते हैं और संसाधन-आधारित दबाव की मिसाल कायम करते हैं.'
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी जिसके तहत सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों के पानी का बंटवारा दोनों देशों के बीच हुआ था. पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चेनाब) का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया था और पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलज) का नियंत्रण भारत को मिला था.
पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने पहले तो अपना रोना रोया और फिर गिड़गिड़ाते हुए भारत से अपील की, 'संधि में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो एकतरफा निलंबन या संशोधन की अनुमति देता हो. हम उम्मीद करते हैं कि भारत संधि का पूरा सम्मान करेगा और जल्द से जल्द अनुपालन और सामान्य प्रक्रिया बहाल करेगा.'
भारत में आतंकवाद को स्पॉन्सर करने वाला पाकिस्तान सिंधु जल संधि के निलंबन से बेचैन हो गया है और बार-बार भारत से इसकी बहाली की मांग कर रहा है. संधि के निलंबन से भारत से होकर पाकिस्तान जाने वाली सिंधु प्रणाली की तीनों नदियों के पानी में कमी आई है. डेटा शेयरिंग भी रोक दिया गया है जिससे पाकिस्तान को नदियों के पानी को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है.
पाकिस्तान ने इस संबंध में भारत से बातचीत की भी पेशकश की है जिसे भारत ने नकार दिया है. भारत का साफ कहना है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, कोई बातचीत नहीं होगी.
संधि निलंबन को लेकर भारत का रुख साफ है- बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते हैं... और न ही आतंक और पानी.
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