पुलवामा आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया जंग का मैदान बन गया है. भारत और पाकिस्तान के लोग पुलवामा के शहीदों को याद करने के साथ ही एक-दूसरे के बीच तीखी नोंक-झोंक हो रही है. कई पाकिस्तानी इस हमले की निंदा कर रहे हैं तो कुछ मजाक उड़ा रहे हैं. ट्विटर पर कई पाकिस्तानी तो आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को सलाम तक कर रहे हैं. पाकिस्तानियों के इस नफरत से भरे ट्वीट का पाकिस्तानियों के साथ भारतीय भी करारा जवाब दे रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट करके लिखा, पुलवामा बॉम्बर आदिल अहमद डार सैनिकों द्वारा पीटे जाने के बाद आतंकवादी बन गया. यह समझना बहुत जरूरी है कि कश्मीर में इतने सारे नौजवान आतंकवादी क्यों बन रहे हैं और मरने के लिए तैयार हैं. बड़े पैमाने पर आत्मघाती हमलों के बाद भी अमेरिकी सेना अफगानिस्तान और इराक में हो रहे हमलों को रोक नहीं सकी.
पाकिस्तान की लेखक फ़रहानज़ इसपाहानी ने इस हमले की निंदा की. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मैं #PulwamaTerroristAttack से बहुत दुखी हूं. मुझे कश्मीरी लोगों की भी परवाह है. हाफिज सईद, मसूद अजहर पाकिस्तान में घूमते हैं, रैलियों और धन उगाही करते हैं. क्या हमें वह देश बनना चाहिए, जहां ओसामा बिन लादेन मिला हो? हमारे बच्चों को शिक्षित करें. भविष्य के लिए.
पाकिस्तान के राजनेता अफरासीब खट्टक ने आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद और जैश उल-अदल की निंदा की और देश से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जेएम जैसे नामों से खुद को अलग करने की अपील की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, इस सप्ताह पाकिस्तान के 2 पड़ोसियों (ईरान और भारत) में 2 आतंकवादी हमले हुए. पाक-आधारित आतंकवादी संगठनों (जैश-उल-अदल और जेएम) ने हमलों की जिम्मेदारी स्वीकार की. अब पाकिस्तान के उस दावे पर कौन विश्वास करेगा, जिसमें वह इन आतंकी समूहों से खुद को अलग करता रहता है.
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी ने अपने देश के कई लोगों द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों को खारिज किया. उन्होंने न केवल पुलवामा आतंकी हमले की निंदा ककि बल्कि उन पाकिस्तानियों को भी फटकार लगाई जो आतंकवाद को जायज ठहराते हुए दलीलें दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर पुलवामा हमले की निंदा की है, लेकिन आतंकवाद को जायज ठहराने वाली दलीलें पेश करते करके हम अपने बयान के सीमित और नाममात्र की विश्वसनीयता को भी मिटा रहे हैं.
लाहौर स्थित पत्रकार अम्मारा अहमद ने हमले के बाद कश्मीर में रहने वाले लोगों के लिए चिंता व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट में लिखा, मैं #PulwanaAttack से बहुत दुखी हूं और इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं. मैं वास्तव में चाहती हूं कि यह सब कुछ न हो, क्योंकि इसने कई सालों से इस क्षेत्र में जारी शांति प्रक्रिया को पीछे धकेल दिया है.
पाकिस्तानी ब्लॉगर अहमद वकास गोराया ने कहा कि अगर लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाती है, तो पाकिस्तान खुद इसके लिए शुक्रगुजार होंगे. उन्होंने ट्वीट में लिखा, प्रिय भारत, यदि आप एक गंभीर कार्रवाई करते हैं और लश्कर और जैश ए मुहम्मद को खत्म करते हैं, तो हम पाकिस्तानी बहुत ऋणी होंगे. ये आतंकवादी हमारे बच्चों को भर्ती करते हैं और जनरल इन आतंकवादियों की रक्षा करते हैं.
aajtak.in