अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव की वजह से भारतीय एयरलाइन कंपनियों को रोजाना 37 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. अमेरिका ने ईरानी हवाई क्षेत्र से बचने के लिए एयरलाइंस को एडवाइजरी जारी की थी, जिसके बाद भारतीय एयरलाइन कंपनियां सुरक्षा के लिहाज से ईरानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से बच रही हैं. इस कारण भारतीय उड़ान लंबा रास्ता तय करने को मजबूर हैं जिससे इन कंपनियों को हर रोज 37 लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है.
बता दें कि इसी साल 26 फरवरी को हुए बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी वायु सीमा में भारतीय उड़ानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद से भारतीय इयरलाइन कंपनियां पाकिस्तान से सटे ईरानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल कर रही थीं.
हालांकि, इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है कि पाकिस्तान ने आज (मंगलवार) लगभग साढ़े चार महीने के बाद आखिरकार अपने हवाई क्षेत्र को खोलने का फैसला लिया है. पाकिस्तान ने इसी साल 26 फरवरी को बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा आतंकी कैम्पों पर किए गए हवाई हमले के बाद अपनी वायु सीमा को बंद कर दिया था.
अब पाकिस्तान के इस कदम से एयर इंडिया को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि फरवरी से अभी तक अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (खासतौर से अमेरिका और यूरोप जाने वाली उड़ानों) को दूसरे रास्ते से ले जाने के कारण उसे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
बता दें कि पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु संधि से खुद को अलग कर लिया था. वहीं, ट्रंप ने ईरान पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं. इसके बाद से दोनों देशों के बीच दुश्मनी बढ़ती ही जा रही है.
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