इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने सोमवार को भारत में मुसलमानों की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी. अब भारत ने ओआईसी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान की तरफ निशाना साधते हुए कहा कि ओआईसी पर कुछ ऐसे देशों का कब्जा बना हुआ है जो अपने स्वार्थ के लिए भारत के खिलाफ निरंतर दुष्प्रचार कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी के बयान पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान को ट्विटर हैंडल से साझा किया है, जिसमें लिखा है, 'हमने भारत के जुड़े मुद्दे पर ओआईसी के महासचिव की तरफ से एक प्रेरित और भ्रामक बयान को नोटिस किया है. भारत में जो भी मुद्दे हैं, उन्हें हमारे संवैधानिक ढांचे और तंत्र के साथ-साथ लोकतांत्रिक लोकाचार और राजव्यवस्था के अनुसार समझा और हल किया जाता है.'
बयान में आगे कहा गया, 'ओआईसी सचिवालय की सांप्रदायिक मानसिकता वास्तविकता को उचित तरीके से देखने की अनुमति नहीं देती है. ओआईसी पर कुछ ऐसे देशों का कब्जा है जो अपने निहित स्वार्थ के लिए भारत के खिलाफ अपना नापाक प्रचार जारी रखे हैं. इसका परिणाम ये हुआ है कि ओआईसी ने खुद अपनी ही प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है.'
क्या कहा था ओआईसी ने?
इस्लामिक सहयोग संगठन ने सोमवार को हरिद्वार धर्म संसद, मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन निशाना बनाए जाने और कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर भारत पर टिप्पणी की थी.
ओआईसी महासचिव की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल में हिंदुत्व के समर्थकों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार के सार्वजनिक आह्वान, सोशल मीडिया साइटों पर मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाओं के साथ-साथ कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं.'
ओआईसी के बयान में संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार परिषद से अपील की गई थी कि इन मामलों पर वो जरूरी कदम उठाएं.
बयान में भारत को संबोधित करते हुए आगे कहा गया, 'ओआईसी एक बार फिर भारत से आग्रह कहता है कि वो अपने नागरिकों के जीने के अधिकार की रक्षा करते हुए मुस्लिम समुदाय और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उनके खिलाफ हिंसा और घृणा के अपराधों को भड़काने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे.'
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