कोरोना संकट से लड़ रही दुनिया को वैक्सीन के रूप में आशा की किरण तो दिखी है. लेकिन संकट अभी भी पूरे तरीके से टला नहीं है. यूरोप की रोग नियंत्रण एजेंसी ने अब कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर चिंता जताई है. यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज प्रीवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) ने आशंका जताई है कि अगस्त अंत तक यूरोप में जितने नए कोरोना केस होंगे उसमें से 90 फीसदी डेल्टा वैरिएंट की वजह से होंगे.
डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में मिला था. फिलहाल भारत में कोरोना का ग्राफ नीचे जा रहा है. लेकिन दूसरी लहर की वजह से देश में जो हाहाकार मचा, उसके पीछे डेल्टा वैरिएंट ही प्रमुख रूप से शामिल था. फिलहाल भारत की चिंता डेल्टा का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस है, जिसके 40 मामले देश में मिल चुके हैं.
गर्मियों में यूरोप में फैल सकता है डेल्टा वैरिएंट - ECDC
ECDC की तरफ से डायरेक्टर एंड्रिया अम्मोन ने कहा, 'इसके पूरे चांस हैं कि गर्मियों में डेल्टा वैरिएंट यूरोप में तेजी से फैलेगा. इसमें युवा भी संक्रमित हो सकते हैं, जिनको फिलहाल टीकाकरण से दूर रखा गया था.' आगे कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट यूरोप में पहले से मौजूद दूसरे वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता है. ऐसी आशंका है कि यूरोप के अंत तक जो नए केस आएंगे, उसके 90 फीसदी की वजह डेल्टा वैरिएंट होगा.
यूरोप की रोग नियंत्रण एजेंसी का अनुमान है कि डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) पहले से वहां मौजूद अल्फा वैरिएंट (B.1.1.7) से 40-60 फीसदी ज्यादा तेजी से फैलता है. अल्फा वैरिएंट सबसे पहले यूके में पाया गया था. ECDC का मानना है कि डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप कम करने का एकमात्रा तरीका टीकाकरण में तेजी लाना है.
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