न्यूजीलैंड की संसद में भारतवंशी सांसद डॉ गौरव शर्मा ने संस्कृत में ली शपथ

डॉ गौरव शर्मा ने पहले न्यूजीलैंड की स्थानीय भाषा माउरी में शपथ ली, फिर उन्होंने संस्कृत भाषा में शपथ ली. डॉ गौरव शर्मा का ये कदम भारत और न्यूजीलैंड के सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनकी गहरे समर्पण को दिखाता है.

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डॉ गौरव शर्मा (बाएं) फोटो-ट्विटर डॉ गौरव शर्मा (बाएं) फोटो-ट्विटर

aajtak.in

  • मेलबर्न,
  • 26 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:40 AM IST
  • हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाले हैं डॉ गौरव शर्मा
  • हैमिल्टन वेस्ट से लेबर पार्टी के टिकट पर जीते हैं चुनाव
  • ऑकलैंड से की है MBBS की पढ़ाई

भारतीय मूल के सांसद न्यूजीलैंड के निवासी डॉ गौरव शर्मा ने न्यूजीलैंड की संसद में संस्कृत भाषा में शपथ ली है. 33 साल के डॉ गौरव शर्मा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाले हैं. हाल ही में न्यूजीलैंड के संसदीय चुनाव में वे लेबर पार्टी के टिकट पर हैमिल्टन वेस्ट से जीते हैं.

न्यूजीलैंड में इंडिया के हाई कमिश्नर मुक्तेश परदेशी ट्विटर पर कहा है कि डॉ गौरव शर्मा ने पहले न्यूजीलैंड की स्थानीय भाषा माउरी में शपथ ली, फिर उन्होंने संस्कृत भाषा में शपथ ली. उन्होंने कहा कि डॉ गौरव शर्मा का ये कदम भारत और न्यूजीलैंड के सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनकी गहरे समर्पण को दिखाता है.  

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डॉ गौरव सर्मा ने ऑकलैंड से एमबीबीएस किया है. इसके बाद वाशिंगटन से उन्होंने एमबीए किया है. वे इस वक्त न्यूजीलैंड के हैमिल्टन में प्रैक्टिस करते हैं. इससे पहले वह लोक स्वास्थ्य, पॉलिसी, मेडिसीन और कंस्लटेशन के क्षेत्र में काम कर चुके हैं. उन्होंने अपनी सेवाएं न्यूजीलैंड, स्पेन, अमेरिका, नेपाल, वियतनाम, मंगोलिया स्विटजरलैंड और भारत में दी है. 

एक ट्विटर यूजर को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने संस्कृत भाषा को चुना क्योंकि इसका हर भारतीय भाषा से किसी न किसी रूप से जुड़ाव है. 

डॉ गौरव शर्मा ने 2017 में भी न्यूजीलैंड के चुनावी रणभूमि में उतरे थे, लेकिन तब उन्हें हार मिली थी. इस बार उन्होंने नेशनल पार्टी के टिम मैसिनडोए को मात दी है.  

बता दें कि इसी साल प्रियंका राधाकृष्णन न्यूजीलैंड की पहली भरतीय मूल की मंत्री बनीं. प्रधानमंत्री जसिंडा आर्डर्न ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया.

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