करीब दो दशक की जंग के बाद अमेरिका के साथ हुए शांति समझौते को तालिबान ने 48 घंटे के अंदर नकार दिया था. लेकिन अब इस समझौते को लेकर एक बार फिर उम्मीद जागी है. व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला अब्दुल गनी से बात की है. दोनों के बीच अफगानिस्तान में शांति स्थापित को लेकर समझौता हुआ है और जल्द ही इस ओर आगे कदम बढ़ाने की बात है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति और तालिबानी संगठन के बीच हुई ये पहली सीधी बातचीत थी. बीते दिनों कतर में अमेरिका और तालिबान ने दुनिया के कई देशों के सामने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. लेकिन जब अफगानिस्तान ने तालिबानी लड़ाकों को जेल से रिहा करने से इनकार किया तो तालिबान इस समझौते से पीछे हट गया, जिसे अमेरिका की कोशिशों के लिए झटका माना गया.
लेकिन इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति ने तालिबानी नेता से बात की और 10 मार्च से शुरू होने वाली इंट्रा-अफगान नेगोसिएशन को लेकर चर्चा की. डोनाल्ड ट्रंप ने इस दौरान कहा कि 29 फरवरी को जो डील साइन हुई थी, उसपर आगे बढ़ना जरूरी है. व्हाइट हाउस के बयान के मुताबिक, अमेरिका लगातार अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है.
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इस बातचीत के बारे में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने तालिबानी नेता से बात की और ये शानदार रही. बता दें कि कतर में हुए समझौते के मुताबिक, अमेरिका 14 महीने में अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला रहा था. लेकिन अभी इसपर संकट के बादल हैं.
कतर डील के मुताबिक, 10 मार्च से अफगानिस्तान और तालिबान में डील शुरू होनी थी जिसमें अमेरिका का भी अहम किरदार था. लेकिन सिर्फ जेल में बंद लड़ाकों की वजह से ये मसला टल गया और तालिबान पीछे हट गया. तालिबान की मांग है कि अफगानिस्तान की सरकार उनके करीब 5000 लड़ाकों को जेल से छोड़े, लेकिन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने किसी बातचीत से पहले ऐसा करने से इनकार कर दिया है.
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