अलास्का समिट पुतिन की जेब पर भारी... रूस लौटते वक्त 3 जेट विमानों में ईंधन भरवाने के लिए खर्च हुए 2 करोड़ रुपये

पुतिन ने 15 अगस्त को अलास्का के एंकरेज में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक की. यह बैठक ऐतिहासिक थी, क्योंकि 80 वर्षों में पहली बार था जब किसी रूसी नेता ने अलास्का का दौरा किया था. बैठक का उद्देश्य रूस और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों, विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध और आर्थिक प्रतिबंधों जैसे मुद्दों पर चर्चा करना था.

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पुतिन की जेब पर भारी पड़ी ट्रंप संग अलास्का मीटिंग (Photo: AP) पुतिन की जेब पर भारी पड़ी ट्रंप संग अलास्का मीटिंग (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बीते दिनों हुई मुलाकात काफी अहम मानी गई. इस मुलाकात के लिए अलास्का को चुना गया था. लेकिन इस मीटिंग के बाद अमेरिका से रूस लौटते वक्त पुतिन को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़े.

पुतिन ने 15 अगस्त को अलास्का के एंकरेज में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ बैठक की. यह बैठक ऐतिहासिक थी, क्योंकि 80 वर्षों में पहली बार था जब किसी रूसी नेता ने अलास्का का दौरा किया था. बैठक का उद्देश्य रूस और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंधों, विशेष रूप से यूक्रेन युद्ध और आर्थिक प्रतिबंधों जैसे मुद्दों पर चर्चा करना था.

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इस बैठक के बाद पुतिन और उनके प्रतिनिधिमंडल को अपने तीन जेट विमानों एक विशेष विमान और दो मालवाहक विमानों में ईंधन भरवाने की जरूरत थी, ताकि वे रूस वापस लौट सकें. इन विमानों में ईंधन भरवाने की लागत लगभग 250,000 डॉलर यानी लगभग 2.2 करोड़ रुपये थी. इसका कारण अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध थे, जिनके चलते रूसी प्रतिनिधिमंडल को अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि इन प्रतिबंधों के कारण पुतिन की टीम को नकद में भुगतान करना पड़ा, क्योंकि वे ऑनलाइन या बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से लेनदेन नहीं कर सकते थे. इन प्रतिबंधों ने रूस के साथ वित्तीय लेनदेन को सीमित कर दिया था, जिसके चलते क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन ट्रांसफर या अन्य डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग संभव नहीं था.

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यह घटना अलास्का के एंकरेज में हुई, जहां पुतिन की टीम करीब पांच घंटे रुकी थी. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रतिबंधों के कारण पुतिन की टीम को नकद में भुगतान करना पड़ा. 

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