अमेरिका ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को फिर से दोहराया कि अगर दोनों देशों के जरिए कहा जाए तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं. ट्रंप प्रशासन के अधिकारी का कहना है कि शांति वार्ता में आतंकवादियों पर कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान लगातार झूठ बोल रहा है.
विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप साफ तौर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के स्तर पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं. अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान के साथ अपनी बैठकों में कश्मीर पर सीधे चर्चा की. अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में कहा, वह (ट्रंप) निश्चित रूप से मध्यस्थता की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, अगर दोनों देश तैयार हों. यह भारत का स्टैंड है कि वह मध्यस्थता नहीं चाहता.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप पहले भी कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात कहते रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 24 सितंबर को कहा था कि वह दोनों देश के राजी होने की स्थिति में कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. पाकिस्तानी प्रधाानमंत्री इमरान खान के साथ बैठक से पहले पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मध्यस्थता करने का उनका प्रस्ताव 'हमेशा बना रहेगा'.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मैं हमेशा ऐसा करूंगा, हालांकि यह दोनों पक्षों के सहमति पर निर्भर करेगा." उन्होंने कहा, "मैं ऐसा करने की इच्छा रखता हूं और इसमें सक्षम हूं."
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान में आतंकवाद की समस्या पर क्या वह उसपर विश्वास करते हैं, पर ट्रंप ने कहा, "मैं यहां इस जेंटलमैन पर विश्वास करता हूं और मैं पाकिस्तान पर भी विश्वास करता हूं." उन्होंने कहा, "न्यूयार्क में मेरे कई पाकिस्तानी दोस्त हैं. वास्तव में शानदार वार्ताकार(ग्रेट निगोशिएटर)."
गीता मोहन