दिल्ली की रहने वाली 55 वर्षीया डॉ. पूर्णिमा नायर ने इंग्लैंड के काउंटी डरहम में बिशप ऑकलैंड के स्टेशन व्यू मेडिकल सेंटर में काम किया था. डॉ. नायर मूल रूप से केरल की रहने वाली थीं.
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लंबे संघर्ष के बाद मौत
कोरोना वायरस (COVID-19) के साथ लंबी लड़ाई के बाद स्टॉकटन-ऑन-टीज में नॉर्थ टीज हॉस्पिटल के यूनिवर्सिटी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई.
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माना जा रहा है कि डॉ. पूर्णिमा नायर इंग्लैंड के चिकित्सा समुदाय की कोरोना वायरस की वजह से फ्रंटलाइन पर काम करते हुए मरने वाली 10वीं जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) हैं. इंग्लैंड दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शुमार है और अब तक इस खतरनाक वायरस की वजह से देश भर में 32,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
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मेडिकल सेंटर ने जारी एक संदेश में कहा कि मरीजों के बीच हमारी बहुत प्रिय और मूल्यवान सहकर्मी और दोस्त डॉ. पूर्णिमा नायर की मौत की घोषणा करने का बहुत अफसोस है.
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संदेश में आगे कहा गया कि डॉ. नायर का निधन कोरोना बीमारी की वजह से हुआ और अंत तक उन्होंने मजबूती के साथ इसका सामना किया. इस दुखद खबर से हम सभी निराश और परेशान हैं.
सोशल मीडिया पर शोक
सोशल मीडिया पर डॉक्टर को श्रद्धांजलि देने के लिए दोस्तों, सहकर्मियों और अन्य लोगों की ओर से जनरल प्रैक्टिशनर (जीपी) कहा जा रहा है. वह कुछ दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहीं, लेकिन इस सप्ताह उनकी मौत हो गई.
स्थानीय बिशप ऑकलैंड के सांसद, डेहाना डेविसन ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'डॉ. नायर हमारे समुदाय की जानी-मानी और बेहद मूल्यवान सदस्य थीं, जिन्होंने स्टेशन व्यू मेडिकल सेंटर में एक डॉक्टर के रूप में सेवा की. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे. दुख की इस घड़ी में मेरी सांत्वना उनके दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों के साथ है.'
एक महिला ने अपनी मां की जान बचाने के लिए डॉक्टर नायर के योगदान को याद करते हुए लिखा, रेस्ट इन पीस डॉ. नायर. निश्चित तौर पर एक बेहतरीन डॉक्टर. आपने 10 साल पहले मेरी मां की जान बचाई. मेरी मां के शेष जीवन देखने के लिए हमारा पूरा परिवार हमेशा आपका आभारी रहेगा. मैं बहुत दुखी हूं. आप जल्दी चली गईं.
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