भारत की आपत्ति के बावजूद मालदीव ने किया ये काम, अब चीन ने खोला राज!

चीन का एक रिसर्च जहाज इसी हफ्ते मालदीव पहुंचने वाला है. इस जहाज को लेकर मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने कहा था कि जहाज उसके समुद्री क्षेत्र में किसी तरह का रिसर्च नहीं करेगा लेकिन अब चीन ने इससे उलट बात कही है.

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मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार चीन समर्थक मानी जाती है (Photo- @presidencymv/ X) मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार चीन समर्थक मानी जाती है (Photo- @presidencymv/ X)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

चीन ने कहा है कि मालदीव में उनका जहाज वैज्ञानिक शोध के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. चीन का शोध जहाज Xiang Yang Hong 03 इस हफ्ते मालदीव पहुंचने वाला है जिसे लेकर भारत, चीन और मालदीव में तनाव बढ़ गया है. इसी बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने मालदीव के लिए निकले अपने रिसर्च जहाज को लेकर अहम बयान दिया है. यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि चीनी जहाज उनके समुद्री क्षेत्र में रुककर किसी तरह के रिसर्च का काम नहीं करेगा.

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सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, 'समुद्री क्षेत्रों में चीन के वैज्ञानिक शोध कार्य केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं जिसका लक्ष्य समुद्र को लेकर मानवजाति की वैज्ञानिक समझ को बढ़ाना है. ये काम समुद्री कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों का पालन करते हुए किया जा रहा है. सालों से चीन और मालदीव समुद्री वैज्ञानिक शोध में सहयोग करते आ रहे हैं.'

चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीन इस बात की सराहना करता है कि मालदीव ने अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रासंगिक प्रावधानों, संप्रभुता और चीन-मालदीव मित्रता के आधार पर चीनी वैज्ञानिक रिसर्च जहाज को अपने बंदरगाहों में प्रवेश करने के लिए सुविधा और सहायता मुहैया की है.

चीनी जहाज को लेकर मुइज्जू सरकार ने क्या कहा?

चीन Xian Yang Hong 03 को सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करता है और हिंद महासागर में इसके जरिए जासूसी का काम करता है. इसी वजह से भारत चीनी जहाज को भारत के पड़ोसी देशों में लंबे समय तक रुककर कथित वैज्ञानिक शोध करने पर आपत्ति जताता रहा है.

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चीन का यह जहाज पहले श्रीलंका में रुकने वाला था लेकिन श्रीलंका ने विदेशी जहाजों के अपने बंदरगाहों पर रुकने को लेकर एक साल की रोक लगा दी जिसके बाद चीन ने मालदीव का सहारा लिया है.

चीनी जहाज अब मालदीव गया है जिसे लेकर कुछ समय पहले मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा था कि मालदीव मित्र देशों के जहाजों के लिए हमेशा से एक स्वागत करने वाला देश रहा है.

मालदीव की सरकार ने कहा था कि चीनी जहाज ने राजधानी माले में रुककर रोटेशन और ईंधन भरने की अनुमति मांगी है. सरकार ने कह था कि चीनी जहाज मालदीव के समुद्री क्षेत्र में किसी तरह के रिसर्च का काम नहीं करेगा.

मालदीव सरकार ने अपने एक बयान में कहा था, 'मालदीव हमेशा मित्र देशों के जहाजों के लिए एक स्वागत योग्य देश रहा है. हम हमेशा से ही शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बंदरगाह पर आने वाले नागरिक और सैन्य, दोनों तरह के जहाजों की मेजबानी करते हैं.'

भारत की आपत्ति

चीन भारत के पड़ोसी देशों में अक्सर अपने जहाजों को लंबे समय तक डॉक करता है. भारत का कहना है कि चीनी जहाज पड़ोसी देशों में रुककर भारतीय सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों की जासूसी करते हैं.

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चीनी जहाज पहले कई बार तमिलनाडू के करीब श्रीलंकाई समुद्री क्षेत्र में रुकते रहे हैं. इसे लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी जिसे लेकर श्रीलंका ने चीनी जहाजों के रुकने पर सालभर की रोक लगाई है.

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