चीन अपने कागजी नक्शे में अरुणाचल के कुछ जिलों को चीनी नाम देने के बाद कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच दखल देने की फिराक में है. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के लेख में कहा गया कि चीन अपने हितों को देखते हुए कश्मीर में दखल दे सकता है.
चीन पहले से ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे पर काम कर रहा है. पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा भी पीओके से गुजर रहा है. ऐसे में पीओके को लेकर चीन के माथे पर शिकन साफ नजर आ रही है. अभी तक चीन कश्मीर मसले पर निष्पक्ष नीति का दावा कर रहा था, लेकिन अब उसकी इस नीति में बदलाव से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा सकता है.
भारत हमेशा से ही कश्मीर को लेकर किसी भी देश के हस्तक्षेप को ख़ारिज करता रहा है. चीन के 46 अरब डॉलर की लागत वाले वन बेल्ट वन रोड का भी भारत कड़ा विरोध करता रहा है. यह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. वहीं, चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. चीन पाकिस्तान को अपना करीबी मित्र मानता है. अब चीन कश्मीर मुद्दे पर पाक के साथ मिलकर दखल देने की योजना में है.
अशरफ वानी