मंगलवार को ब्रिटेन के एक अधिकारी ने बताया है कि चीन ने ब्रिटेन के 30 से ज्यादा फाइटरजेट पायलट और हेलीकॉप्टर पायलेट को अपने बेड़े में भर्ती किया है. इन सभी को चीनी सैन्य पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए भर्ती किया गया है. अधिकारी ने बताया कि इन सभी को लगभग £ 240,000 ( 2 करोड़ 22 लाख से ज्यादा भारतीय रुपये) के वार्षिक वेतन पर भर्ती किया गया है. वर्तमान में ये सभी पायलट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रशिक्षण शिविर में हैं.
पश्चिमी देशों के साथ युद्ध में बढ़त बनाना मकसद
ब्रिटेन के न्यूज चैनल स्काई न्यूज के अनुसार, ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के एक रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी ने इसे खतरनाक बताया है. वहीं, एक अन्य अधिकारी ने खुलासा किया है कि चीन ने दर्जनों पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों को भर्ती किया है ताकि वे चीनी सेना को पश्चिमी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर को हराने का तरीका सिखाएं. अधिकारियों ने बताया कि लगभग 30 फायटर जेट पायलट और कुछ हेलीकॉप्टर पायलट अभी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रशिक्षण शिविर में हैं.
दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान बनाने की कोशिश
ब्रिटेन के अधिकारियों ने बताया कि चीन ने उन पूर्व पायलटों को भी भर्ती करने का प्रयास किया है, जिन्होंने अमेरिका के नेतृत्व वाली पांचवी पीढ़ी की लड़ाकू विमान F-35 का प्रशिक्षण लिया है. एक F-35 लड़ाकू विमान की कीमत £100 मिलियन से अधिक है. यह विमान संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से विकसित किया है.
अन्य पश्चिमी देशों के सैन्य विशेषज्ञों से भी संपर्क में
ब्रिटेन के अधिकारी ने कहा कि चीन कई और कार्यरत और रिटायर्ड पूर्व सैन्य पायलटों और आरएएफ, रॉयल नेवी और ब्रिटिश सेना के विशेषज्ञों के साथ-साथ कई अन्य पश्चिमी देशों के सैन्य कर्मियों को भर्ती करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए चीन लगभग £ 240,000 वार्षिक वेतन की पेशकश कर रहा है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की खुफिया एजेंसी ने मंगलवार को इस तरह के कदमों के खिलाफ सेवारत और पूर्व सैन्य कर्मियों को आगाह करने के लिए अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों ने कहा कि चीन की भर्ती योजना को लेकर हम चिंतित हैं. यह ब्रिटेन और पश्चिमी देशों के हितों के लिए खतरा है.
ब्रिटेन ने क्या कहा
ब्रिटेन के अधिकारियों ने कहा कि चीन इस भर्ती योजना के तहत अनुभवी पायलटों की मदद से ब्रिटिश और नाटो देश के फाइटरजेट जैसे टाइफून, टॉरनेडो और हैरियर जंप जेट की क्षमताओं से अवगत होना चाहता है. वो इन पायलटों की मदद से इस तरह के फाइटर जेट से किस तरह मुकाबला किया जाए इसका प्रशिक्षण अपने पायलट को देगा. अधिकारी ने कहा कि चीन इन पायलटों की मदद से वायु सेना की रणनीति और उसके क्षमताओं को विकसित करने में मदद ले रहा है.
इस तरह से किया भर्ती
सूत्रों के मुताबिक, चीन ने इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दक्षिण अफ्रीका की एक कंपनी को थर्ड पार्टी के रूप में इस्तेमाल किया. थर्ड पार्टी कंपनी टेस्ट फ्लाइंग एकेडमी ऑफ साउथ अफ्रीका (Test Flying Academy of South Africa) रिटायर्ड सैन्य कर्मियों से सीधे संपर्क में था. चीन ने इसी कंपनी के माध्यम से पूरे भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया. इस आरोप पर कंपनी के तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.
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