'जंगनान हमारा हिस्सा...', चीन का भारतीय महिला के हैरेसमेंट के आरोपों से इनकार, अरुणाचल पर फिर दोहराया दावा

अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली एक भारतीय महिला ने शंघाई एयरपोर्ट पर अपने साथ हुई कथित बदसलूकी की शिकायत की थी. इन आरोपों को चीन ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर बीजिंग का विवादित दावा दोहराया

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सोशल मीडिया पर अरुणाचल की रहने वाली महिला ने बताया था उन्हें कई घंटों तक शंघाई एयरपोर्ट पर रोका गया था (Photo- ITG) सोशल मीडिया पर अरुणाचल की रहने वाली महिला ने बताया था उन्हें कई घंटों तक शंघाई एयरपोर्ट पर रोका गया था (Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

चीन ने मंगलवार को उन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिनमें अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली एक भारतीय महिला ने शंघाई एयरपोर्ट पर अपने साथ हुई कथित बदसलूकी की शिकायत की थी. इसके साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय ने इस घटना का जिक्र करते हुए एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर बीजिंग का विवादित दावा दोहराया, जिसे वह “जंगनान” कहता है. वहीं भारत ने स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अखंड और अविवादित हिस्सा है. 

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महिला को 18 घंटे तक एयरपोर्ट पर रोका गया था

दरअसल, 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही UK में रहने वाली भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक ने कहा था कि उनका तीन घंटे का सफर 18 घंटे की मुश्किल समय में बदल गया, जब चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को सिर्फ इसलिए अवैध घोषित कर दिया क्योंकि उसमें अरुणाचल प्रदेश उनका जन्मस्थान बताया गया था.

सोशल मीडिया पर उन्होंने बताया कि उन्हें कई घंटों तक रोके रखा गया और तब जाकर वह भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क कर सकीं.

कानून के अनुसार काम किया: चीन

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि थोंगडोक के साथ किसी तरह की जबरन कार्रवाई, हिरासत या उत्पीड़न नहीं किया गया. अधिकारियों ने कानूनी और विनियमित प्रक्रियाओं के अनुसार काम किया और एयरलाइन ने उन्हें खाना, पानी और आराम की सुविधा उपलब्ध कराई. माओ निंग ने साथ ही कहा, “जंगनान चीन का हिस्सा है. भारत द्वारा बनाई गई तथाकथित अरुणाचल प्रदेश इकाई को चीन कभी स्वीकार नहीं करता.”

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भारतीय अधिकारियों ने कहा कि नई दिल्ली ने घटना वाले दिन ही बीजिंग और दिल्ली में चीनी एम्बेसी, दोनों जगहों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया, जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि अरुणाचल प्रदेश बिना किसी शक के भारतीय इलाका है और इसके निवासियों को भारतीय पासपोर्ट रखने और उस पर यात्रा करने का पूरा हक है. भारतीय वाणिज्य दूतावास, शंघाई ने स्थानीय स्तर पर तुरंत हस्तक्षेप किया और महिला को पूरी मदद उपलब्ध कराई.

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि वह इस घटना से बहुत हैरान हैं. उन्होंने इसे इंटरनेशनल नियमों का उल्लंघन और भारतीय नागरिकों का अपमान बताया.

भारत ने दावे को फिर किया खारिज

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने चीन द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों पर कड़ा प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक, जिसके पास वैध पासपोर्ट था और जो जापान की यात्रा के दौरान शंघाई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से ट्रांजिट कर रही थी, उसे चीनी अधिकारियों ने मनमाने तरीके से हिरासत में लिया.

प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, और चीन के बार-बार के इनकार से यह सच्चाई बदलने वाली नहीं है. भारत ने इस मामले को चीन के सामने कड़े शब्दों में उठाया है. लेकिन अब तक चीनी अधिकारी अपने उन कदमों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैवल से जुड़े कई नियमों और समझौतों का उल्लंघन करते हैं.

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MEA ने यह भी कहा कि चीन का यह कदम उसके अपने नियमों के खिलाफ है, जिनके अनुसार किसी भी देश के नागरिकों को 24 घंटे तक बिना वीजा के ट्रांजिट की अनुमति होती है.

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