युवाओं की कमर तोड़ रही महंगाई, कनाडा में कर्ज़ में डूबे 35 साल से कम उम्र के लोग

महंगाई, ऊंचा किराया और आसान क्रेडिट ने कनाडा के युवाओं को भारी वित्तीय दबाव में डाल दिया है. हालात ऐसे हैं कि बड़ी संख्या में युवा अब कर्ज़ राहत सेवाओं की ओर रुख कर रहे हैं.

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कनाडा के युवा हर महीने पैसों की जंग लड़ रहे हैं (Photo-AI) कनाडा के युवा हर महीने पैसों की जंग लड़ रहे हैं (Photo-AI)

हुमरा असद

  • टोरोंटो,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:27 AM IST

कनाडा का युवा इन दिनों पैसों को लेकर सबसे ज़्यादा परेशान हैं. बढ़ते खर्च और सीमित कमाई के बीच कई युवा कर्ज़ के सहारे ज़िंदगी चला रहे हैं. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 35 साल से कम उम्र के युवाओं में कर्ज़ का बोझ लगातार बढ़ रहा है और बड़ी संख्या में लोग क्रेडिट कार्ड, लोन और अन्य बिलों का भुगतान समय पर नहीं कर पा रहे हैं.

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विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत ने युवाओं की कमाई और खर्च के बीच का संतुलन बिगाड़ दिया है. दरअसल, बीते कुछ सालों में किराया, ग्रॉसरी, ट्रांसपोर्ट और यूटिलिटी बिलों में तेज़ बढ़ोतरी हुई है. वहीं, युवाओं की आय में उतनी तेज़ी से इज़ाफ़ा नहीं हुआ. इसका नतीजा ये हुआ कि रोज़मर्रा के खर्च पूरे करने के लिए उन्हें कर्ज़ का सहारा लेना पड़ रहा है.

“Buy Now, Pay Later” ने बढ़ाई मुश्किल

रिपोर्ट में बताया गया है कि “Buy Now, Pay Later” जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल युवाओं में तेज़ी से बढ़ा है. हालांकि शुरुआत में ये सेवाएं आसान लगती हैं, लेकिन बाद में बिल पेमेंट और ब्याज के कारण कुल कर्ज़ तेजी से बढ़ जाता है.

स्टूडेंट लोन और हाउसिंग संकट

कई युवा अभी भी स्टूडेंट लोन चुका रहे हैं, वहीं घर खरीदना उनके लिए लगभग नामुमकिन हो गया है. मजबूरी में किराए पर रहने से उनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा किराए में चला जाता है, जिससे बचत और बिल भुगतान दोनों प्रभावित होते हैं.

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बिल न भर पाने से बढ़ रहा मानसिक तनाव

वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, भुगतान न कर पाने का सीधा असर युवाओं के क्रेडिट स्कोर पर पड़ रहा है. इससे भविष्य में लोन लेना और भी मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही आर्थिक अनिश्चितता के कारण तनाव, चिंता और मानसिक दबाव भी बढ़ रहा है.

कर्ज़ राहत सेवाओं की ओर रुख

हालात बिगड़ने पर कई युवा अब Debt Relief और Credit Counselling सेवाओं की मदद ले रहे हैं, ताकि वे अपने कर्ज़ को दोबारा व्यवस्थित कर सकें और भुगतान योजना बना सकें. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते सरकार और वित्तीय संस्थानों ने कदम नहीं उठाए, तो युवाओं का यह कर्ज़ संकट लंबी अवधि की सामाजिक और आर्थिक समस्या बन सकता है.

यहां बढ़ती महंगाई, अस्थिर नौकरियों और आसान क्रेडिट कार्ड ने उन्हें कर्ज़ के जाल में फंसा दिया है. मौजूदा हालात यह संकेत देते हैं कि युवाओं को आर्थिक राहत और बेहतर नीतिगत समर्थन की सख्त ज़रूरत है.

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