कनाडा अपने इमिग्रेशन पर भरोसा जताते हुए खुद को दुनिया का आकर्षक डेस्टिनेशन बताता है, लेकिन एक ताज़ा रिपोर्ट ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. रिपोर्ट बताती है कि कनाडा में बसने वाले अच्छे पढ़े-लिखे और कामकाजी प्रवासी सबसे ज़्यादा संख्या में देश छोड़ रहे हैं और यह ट्रेंड पिछले चार दशकों से घटने का नाम नहीं ले रहा.
Institute for Canadian Citizenship (ICC) की नई रिपोर्ट The Leaky Bucket 2025 के मुताबिक, कनाडा आने वाले हर पांच में से एक प्रवासी 25 साल के अंदर देश छोड़ देता है और सबसे ज़्यादा लोग PR लेने के पांचवें साल में ही वापस या आगे किसी और देश चले जाते हैं. इसे Onward Migration कहा जाता है.
लेकिन सरकार की असली परेशानी वहां बढ़ती है जहां आंकड़े बताते हैं कि PhD या उच्च शिक्षित लोग बैचलर डिग्री वालों के मुकाबले दो से तीन गुना तेजी से कनाडा छोड़ रहे हैं. ये वही लोग हैं जिनकी स्किल, एक्सपीरियंस और इंटरनेशनल एक्सपोज़र पर कनाडा अपनी अर्थव्यवस्था टिकाना चाहता है.
कनाडा क्यों छोड़ रहे हैं पढ़े-लिखे प्रवासी?
रिपोर्ट के अनुसार बड़ी वजह:
कई प्रोफेशन जैसे बिज़नेस मैनेजमेंट, IT, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और मैन्युफैक्चरिंग में स्थिति और खराब है. रिपोर्ट बताती है कि अनुभवी मैनेजर्स और एग्ज़िक्यूटिव्स औसत प्रवासी रेट की तुलना में 193% अधिक दर से कनाडा छोड़ते हैं.
सरकार के लिए खतरे की घंटी
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने घोषणा की है कि कनाडा अगले 10 साल में अमेरिका पर निर्भरता घटाकर नॉन यूएस एक्सपोर्ट्स को दोगुना करना चाहता है लेकिन ICC के CEO डैनियल बर्नहार्ड का कहना है कि ऐसा तभी संभव है जब देश तकनीक, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय टैलेंट को रोककर रख सके.
बर्नहार्ड ने कहा, “जो लोग दुनिया के दूसरे देशों में बड़े प्रोजेक्ट, कुशलता और कम लागत में पूरा करते हैं. वही लोग कनाडा को आगे बढ़ा सकते हैं. लेकिन हम उन्हें संभाल नहीं पा रहे हैं.”
इमिग्रेशन नीतियों पर उठ रहे सवाल
2025 की इमिग्रेशन रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा 2028 तक PR एडमिशन को 380,000 प्रति वर्ष पर स्थिर रखेगा लेकिन ICC चेतावनी देता है कि अगर यही रुझान जारी रहा तो 2031 तक 20,000 से ज़्यादा प्रवासी कनाडा छोड़ चुके होंगे. बर्नहार्ड का कहना है कि सरकार का ध्यान अब सिर्फ़ नए लोगों को अंदर लाने पर नहीं, बल्कि उन्हें रोककर सफल बनाने पर होना चाहिए. उनका मानना है, “IRCC को सिर्फ़ ‘सुरक्षा गार्ड’ की तरह चेकिंग करने वाली एजेंसी नहीं, बल्कि देश का ‘ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट’ बनना चाहिए.”
40 साल में भी नहीं रुका ट्रेंड
रिपोर्ट साफ़ बताती है कि पिछले चार दशक में onward migration में कोई कमी नहीं आई यानी कनाडा, पढ़े-लिखे और कामकाजी प्रवासियों को आकर्षित तो कर लेता है, लेकिन उन्हें रोक नहीं पाता. यह उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बनती जा रही है.
बता दें कि कनाडा जिस समय अमेरिका से व्यापारिक तनाव झेल रहा है और घरेलू अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है, उस समय में भी स्किल्ड इमिग्रेंट्स का देश छोड़ना खतरनाक संकेत है. टैलेंट की यह कमी न केवल आर्थिक विकास को प्रभावित करेगी बल्कि भविष्य की बड़ी परियोजनाओं को भी धीमा कर सकती है.
हुमरा असद