काबुल में फिर हो सकता है आतंकी हमला, राष्ट्रपति बाइडेन की सुरक्षा टीम ने दी चेतावनी

काबुल में गुरुवार को चार धमाके हुए थे. इनमें 103 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 143 लोग जख्मी हुए हैं. ये धमाके गुरुवार शाम भीड़भाड़ वाले काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए. मारे गए लोगों में 13 अमेरिकी सैनिक शामिल हैं.

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जो बाइडेन जो बाइडेन

aajtak.in

  • वॉशिंगटन,
  • 27 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:41 PM IST
  • काबुल में गुरुवार को चार धमाके हुए थे
  • इन आतंकी हमलों में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 103 की हुई मौत

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने राष्ट्रपति से कहा है कि काबुल में एक और आतंकवादी हमला हो सकता है. इतना ही नहीं सुरक्षा टीम ने राष्ट्रपति बाइडेन को बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एयरपोर्ट पर अधिकतम बल सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं. 

दरअसल, काबुल में गुरुवार को चार धमाके हुए थे. इनमें 103 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 143 लोग जख्मी हुए हैं. ये धमाके गुरुवार शाम भीड़भाड़ वाले काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए. मारे गए लोगों में 13 अमेरिकी सैनिक शामिल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी ISIS- खुरासान ने ली है. खुरासन तालिबान और अमेरिका की बातचीत के खिलाफ रहा है.

आने वाले दिन काफी खतरनाक
हालांकि, व्हाहट हाउस की प्रवक्ता जेन पसाकी ने बाइडेन को उनकी टीम से क्या जानकारी मिली, इसके बारे में विस्तार ने नहीं बताया. लेकिन काबुल आतंकी हमले के एक दिन बाद बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मिले इन इनपुट्स को काफी अहम माना जा रहा है. 

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पसाकी ने कहा, अगले कुछ दिन तक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को बाहर निकालने का मिशन अब तक का सबसे खतरनाक समय होगा. वहीं, जो बाइडेन ने कहा कि वे 31 अगस्त की गाइडलाइन तक सभी लोगों को बाहर निकाल लेंगे. 

गुरुवार को हमले से पहले जारी हुआ था अलर्ट
इससे पहले गुरुवार को भी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन द्वारा अपने नागरिकों के लिए एक अलर्ट जारी किया गया था. इन्होंने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था और शक जताया था कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हो सकता है. अलर्ट में साफ कहा गया था कि आतंकियों द्वारा एयरपोर्ट पर भीड़ वाले इलाके को निशाना बनाया जा सकता है, ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन को किसी भी तरह रोका जा सके. हालांकि, इस अलर्ट के बावजूद अमेरिका ना तो हमला रोकने में सफल रहा और ना ही अपने सैनिकों को बचा पाया. 
 

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