'मांगें नहीं मानी गई तो यूनुस और उनके नेताओं को भागने के लिए 5 मिनट भी नहीं मिलेंगे', महिला सुधार पर बांग्लादेश के कट्टरपंथियों की चेतावनी

बांग्लादेश की इस्लामिक पार्टियों का आरोप है कि यूनुस सरकार महिला आयोग और अन्य सुधार आयोगों की कुछ सिफारिशों को लागू कर रही है, जो उनके अनुसार इस्लाम विरोधी हैं. इन सिफारिशों में कथित तौर पर महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्ष नीतियों को बढ़ावा देने वाली नीतियां शामिल हैं.

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 शफीकुर रहमान और मोहम्मद यूनुस शफीकुर रहमान और मोहम्मद यूनुस

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

बांग्लादेश की इस्लामिक पार्टियों ने मोहम्मद यूनुस सरकार को कड़ी चेतावनी दी है. इन पार्टियों ने मांगें नहीं माने जाने पर बड़े आंदोलन की भी वॉर्निंग दी है.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक पार्टियों ने महिला सुधार आयोग पर इस्लाम विरोधी और पश्चिम से प्रेरित प्रस्तावों को प्रमोट करने का आरोप लगाया है. इस्लामिक पार्टियों ने मोहम्मद यूनुस सरकार से महिला सुधार आयोग को जल्द से जल्द खत्म करने को कहा है.

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बांग्लादेश में Jatiya Olama Mashayekh Aemma Parishad के बैनर तले इस्लामिक पार्टियों ने यूनुस सरकार को चेतावनी दी है कि अगर महिला सुधार आयोग की इस्लाम विरोधी नीतियों को लागू किया गया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. 

मोहम्मद यूनुस सरकार को चेतावनी दी गई कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो मोहम्मद यूनुस और उनकी सरकार के नेताओं को भागने के लिए पांच मिनट भी नहीं मिलेंगे. उनके इस बयान को शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़कर जाने के लिए दिए गए 45 मिनट से जोड़कर देखा जा रहा है. पांच अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का तख्तापलट हो गया था. उसके बाद वह बांग्लादेश से भागकर भारत आ गई थीं. 

इन पार्टियों का आरोप है कि यूनुस सरकार महिला आयोग और अन्य सुधार आयोगों की कुछ सिफारिशों को लागू कर रही है, जो उनके अनुसार इस्लाम विरोधी हैं. इन सिफारिशों में कथित तौर पर महिलाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्ष नीतियों को बढ़ावा देने वाली नीतियां शामिल हैं.

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ठीक इसी तरह हिफाजत-ए-इस्लाम ने चेतावनी दी कि अगर ये सिफारिशें लागू की गईं, तो वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समान अंजाम भुगतेंगे, जिन्हें 2024 में जन आंदोलन के बाद देश छोड़ना पड़ा था. 

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