अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सहयोगी और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लॉरा लूमर (Laura Loomer) अपनी भारत विरोधी बयानबाजियों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश में भीड़ द्वारा मारे गए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या पर प्रतिक्रिया दी है.
लूमर ने दीपू चंद्र की लिंचिंग का हवाला देते हुए अमेरिका में इस्लामवादी विचारधाराओं के कथित प्रसार को लेकर चेतावनी दी. उन्होंने दावा किया कि इस तरह की विचारधाराएं अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत को सामान्य बनाने की कोशिश कर रही हैं. लूमर ने चेताया कि अगर अमेरिकी सांसदों ने इस्लामी चरमपंथ और उसकी फंडिंग के स्रोतों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए, तो ऐसी घटनाएं अमेरिका में भी आम हो जाएंगी.
बांग्लादेश में हुई इस लिंचिंग पर टिप्पणी करते हुए लूमर ने कहा कि अगर हम अपने सांसदों से यह मांग नहीं करेंगे कि वे इस्लाम और इस्लामी फंडिंग से चलने वाले उन प्रयासों पर खुलकर बोलें, जो यहूदी-विरोधी और ईसाई-विरोधी नफरत को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह सब बहुत जल्द अमेरिका में भी देखने को मिलेगा.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका की कुछ मीडिया हस्तियां जानबूझकर उन इस्लामवादी नैरेटिव को हल्का करके पेश कर रही हैं, जो कट्टरपंथ और उग्रवाद को बढ़ावा देती हैं.
लॉरा लूमर को मेक अमेरिका ग्रेट अगेन विचारधारा की एक प्रमुख आवाज मानी जाती हैं और इससे पहले भी वह भारत-विरोधी और आप्रवासन-विरोधी रुख अपना चुकी हैं.
2024 में एक्स पर किए गए एक पोस्ट में लूमर ने बाइडेन प्रशासन की व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे पर निशाना साधा था. उन्होंने दावा किया कि जीन-पियरे ने उन्हें झूठा नस्लवादी करार दिया था. इसके साथ ही लूमर ने यह आरोप भी लगाया कि हैती से आए प्रवासी, जिनमें जीन-पियरे भी शामिल हैं, पालतू कुत्तों और बिल्लियों को खा रहे हैं और उन्हें तुरंत देश से निकाला जाना चाहिए.
लूमर ने कहा था कि कैरीन जीन-पियरे मुझे इसलिए पसंद नहीं करतीं क्योंकि वह एक समलैंगिक, हैती मूल की अप्रवासी हैं और उन्हें यह पसंद नहीं कि मैं ‘बिल्लियां खाने वाले हैतियों’ के खिलाफ खुलकर बोलती रही हूं.
इसी पोस्ट में उन्होंने तत्कालीन उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर भी तंज कसा और कहा कि वह प्रेस से बात करने के बजाय कुकिंग वीडियो बनाने में ज्यादा दिलचस्पी रखती हैं और व्हाइट हाउस को ‘करी की गंध’ से भर रही हैं.
बांग्लादेश में हिंदू युवक की लिंचिंग पर लॉरा लूमर
लूमर ने अपने ताजा पोस्ट में दीपू चंद्र दास का जिक्र करते हुए अपने समर्थकों से अपील की कि वे अमेरिकी सांसदों पर दबाव डालें कि वे इस्लाम पर खुलकर बोलें. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो दक्षिण एशिया से पश्चिमी देशों तक ऐसे विचार और घटनाएं फैलती चली जाएंगी.
इससे पहले भी लूमर ने अमेरिका में इस्लामवादी कब्जे की चेतावनी दी थी, खासकर तब जब जोहरान ममदानी और गजाला फिरदौस हाशमी जैसे भारतीय मूल के डेमोक्रेट नेताओं ने चुनावी जीत हासिल की थी.
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