पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरांत प्रांत की एक भीड़भाड़ वाली मस्जिद में शुक्रवार को हुए विस्फोट में 20 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में मस्जिद के मौलवी मौलाना मुजीब उर रहमान अंसारी भी शामिल हैं. इस हमले में 200 लोगों के घायल होने की खबर है. यह हमला गुजरगाह मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद मस्जिद के भीतर ही हुआ. हेरात के गवर्नर के प्रवक्ता का कहना है कि यह दरअसल आत्मघाती हमला था.
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब तालिबान के उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर हेरांत प्रांत में ही थे. तालिबान के प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर पर हेरात में हुए इस दोहरे बम विस्फोट में मौलवी मुजीब उर रहमान अंसारी की मौत की पुष्टि की है.
कौन थे मौलाना मुजीब उर रहमान अंसारी
मस्जिद के मौलवी मौलाना मुजीब उर रहमान अंसारी बीते दो दशकों से पश्चिमी देशों की समर्थित सरकारों की आलोचना के लिए जाने जाते थे. उन्हें तालिबान का करीबी माना जाता है. यही वजह रही कि इस हमले में उनकी मौत पर बकायदा तालिबान ने बयान जारी कर शोक जताया. तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने उनकी मौत की पुष्टि की.
तालिबान प्रवक्ता ने कहा, बताते हुए खेद हो रहा है कि देश के सबसे ताकतवर और साहसिक धार्मिक गुरु मौलाना मुजीब उर रहमान अंसारी शुक्रवार को हेरात में हुए बर्बर हमले में मारे गए. इस जघन्य हमले को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
हेरात एंबुलेंस सेंटर के एक अधिकारी मोहम्मद दाऊद मोहम्मदी का कहना है कि एंबुलेंस से लगभग 18 शवों को और बड़ी संख्या में घायलों को अस्पताल ले जाया गया है.
अभी तक किसी भी आतंकी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
गीता मोहन