मोदी सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद जर्मनी का रुख नरम, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर की थी टिप्पणी

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की ओर से की गई टिप्पणी पर भारत ने कड़ा एतराज जताया था. भारत ने कहा था कि हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं. जिसके बाद जर्मनी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया है.

Advertisement
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (फाइल फोटो) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की ओर से की गई टिप्पणी पर भारत द्वारा कड़ी आपत्ति जताने के बाद जर्मनी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया है.

भारत द्वारा जर्मन डिप्लोमैट को तलब करने और केजरीवाल की गिरफ्तारी से संबंधित पूछे गए सवाल पर बुधवार को जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. जर्मन विदेश मंत्रालय ने अपने पहले के बयान से यू-टर्न लेते हुए कहा कि भारत का संविधान बुनियादी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी देता है. 

Advertisement

इससे पहले जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. हमें उम्मीद है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित सभी मानकों को लागू किया जाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निष्पक्ष सुनवाई का पूरा अधिकार है.

भारत ने जताया था कड़ा एतराज

जर्मनी की इस टिप्पणी के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत में जर्मन दूतावास उप प्रमुख जॉर्ज एनजवीलर को तलब करते हुए कड़ा एतराज जताया था. भारत ने कहा था कि हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं. भारत कानून के शासन वाला एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है. जिस तरह भारत और अन्य लोकतांत्रिक देशों में कानून अपना काम करता है, इस मामले में भी कानून अपना काम करेगा."

Advertisement

जर्मनी ने बदला रवैया

भारत की कड़ी आपत्ति के बाद बुधवार को जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिल्ली में डिप्लोमैट को तलब करने के बारे में कोई भी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया. इसके अलावा केजरीवाल मामले पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.  

भारत द्वारा जर्मन डिप्लोमैट को तलब करने और केजरीवाल की गिरफ्तारी से संबंधित पूछे गए सवाल पर जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुई गोपनीय बातचीत पर किसी तरह की टिप्पणी नहीं करूंगा. दोनों देश एक दूसरे के सहयोग को और मजबूत बनाने के पक्ष में हैं. भारत का संविधान बुनियादी मानवाधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी देता है. हम एक रणनीतिक भागीदार के रूप में भारत के साथ इन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement