ईरान ने पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच एयर डिफेंस ड्रिल शुरू की है. बता दें कि गत 16 जनवरी को ईरान ने पाकिस्तानी के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इस्लामाबाद के मुताबिक इस हमले में उसके 2 नागरिकों (बच्चे) की मौत हुई थी और तीन महिलाएं घायल हो गई थीं. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी ईरान में हवाई हमले किए. गत 18 जनवरी को दक्षिण पूर्व ईरान में पाकिस्तान के जवाबी हमलों में 9 लोग मारे गए, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया.
अपनी सीमा में एयर स्ट्राइक के बाद इस्लामाबाद ने ईरानी राजदूत को देश से निष्कासित कर दिया था और तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया. अब ईरान अपनी एयर डिफेंस ड्रिल के दौरान विभिन्न मिसाइलें लॉन्च कर रहा है और ड्रोन अटैक का अभ्यास कर रहा है. फाइटर जेट उड़ान भर रहे हैं. ईरानी एयर डिफेंस फोर्स के कमांडर, ब्रिगेडियर जनरल अलीरजा सबाहिफर्द ने कहा, 'हमारा एयर पावर मजबूत है और इन अभ्यासों ने इसमें सुधार किया है. ईरान के दुश्मनों को इसे एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए. हमारे देश को कोई आंख न दिखाए'.
ईरान और पाकिस्तान साझा करते हैं 900 किलोमीटर की सीमा
ईरान और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के कारण मध्य पूर्व में व्यापक अस्थिरता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. इजराइल और हमास के बीच पहले से ही युद्ध चल रहा है. बता दें कि ईरान और पाकिस्तान 900 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. 1988 में 8 साल के भीषण ईरान-इराक युद्ध की समाप्ति के बाद ईरानी धरती पर यह पहला मिसाइल हमला था. ईरान और पाकिस्तान के संबंधों में उतार.चढ़ाव का इतिहास रहा है, लेकिन दोनों ने इस सप्ताह के हमलों के मद्देनजर तनाव को कम करने की इच्छा का संकेत दिया है.
दोनों देशों द्वारा एक.दूसरे के क्षेत्र में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए एकत्र हुए थे. इस्लामाबाद ने शुक्रवार को कहा कि वह ईरान के साथ गतिरोध नहीं बढ़ाना चाहता. ईरान के विदेश मंत्रालय ने अपनी सीमा में पाकिस्तान के ड्रोन हमले की निंदा की थी और इसे अस्वीकार्य बताया था. तेहरान ने कहा था कि हम पाकिस्तान के साथ 'अच्छे पड़ोसी और भाईचारे' की नीति का पालन करते हैं. दोनों देशों को अपने दुश्मनों को तेहरान और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में तनाव पैदा करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
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