परमाणु निरस्त्रीकरण: ट्रंप को किम जोंग पर विश्वास, चीन पर शक

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा कि चीन इस समझौते पर नकारात्मक दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है.

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किम जोंन उन और डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो) किम जोंन उन और डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

जावेद अख़्तर

  • वाशिंगटन,
  • 09 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

सिंगापुर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक मुलाकात के बावजूद परमाणु निरस्त्रीकरण पर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नजर नहीं आ रही है. इतना ही नहीं उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने अमेरिका पर गैंगस्टर जैसे बर्ताव का आरोप लगाया है. इस गहमागहमी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विश्वास जताया है कि किम जोंग परमाणु निरस्त्रीकरण के समझौते का सम्मान करेंगे.

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डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को इस संबंध में एक ट्वीट किया. अपने ट्वीट में ट्रंप ने लिखा, 'मुझे विश्वास है कि किम जोंग उन हमारे द्वारा हस्ताक्षरित समझौते का सम्मान करेंगे. हम उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण पर सहमत हुए थे.'

उत्तर कोरिया पर भरोसा जताने के साथ ही ट्रंप ने चीन को आड़े हाथों लिया. ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा कि चीन इस समझौते पर नकारात्मक दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप का यह ट्वीट उस वक्त में आया है, जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने उत्तर कोरिया के साथ वार्ता की है, जिसे उन्होंने सफल बताया है. जबकि उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने अमेरिका के रवैये को गैंगस्टर जैसा बताया है.

माइक पोम्पियो ने कहा मुलाकात के बाद कहा था कि प्योंगयांग ने एक मिसाइल सुविधा केंद्र को ध्वस्त करने पर सहमति जताई है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध तब तक बरकरार रहेंगे जब तक वह अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को पूरी तरह से खत्म नहीं कर देता.

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वहीं, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री जनरल किम योंग चोल ने पोम्पियो से मुलाकात के बाद शनिवार को कहा था कि वार्ता के दौरान अमेरिका का रवैया 'खेदजनक और गैंगस्टरों की तरह था.' साथ ही उन्होंने कहा था कि वार्ता के नतीजे 'बहुत ही चिंताजनक' रहे हैं.

बता दें कि जून में डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन ने मुलाकात की थी. मुलाकात को बेहद अच्छी बताते हुए ट्रंप ने दावा किया था कि किम जोंग उन परमाणु निरस्त्रीकरण पर राजी हो गया है. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद भी कोरिया की तरफ से ऐसा कुछ होता दिख नहीं रहा है. इतना ही नहीं, कोरिया की तरफ से सख्त बयानबाजी भी की जा रही है.

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