अफगानिस्तान में अमेरिका के आखिरी 24 घंटे बाकी! US बोला- सैनिकों की सुरक्षा पर फोकस

तालिबान पर कब्जे के बाद अफगानिस्तान से अपने नागरिकों समेत अन्य लोगों को निकालने में लगे अमेरिका के लिए अगले 24 घंटे काफी अहम होने जा रहे हैं. सेट की गई 31 अगस्त की डेडलाइन करीब आ चुकी है, जिसके बाद अमेरिका को अफगानिस्तान छोड़ना होगा.

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काबुल एयरपोर्ट (AP) काबुल एयरपोर्ट (AP)

aajtak.in

  • वॉशिंगटन/काबुल,
  • 30 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:13 PM IST
  • अमेरिका को 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ना होगा
  • अमेरिकी सेना बोली- मुख्य फोकस सैनिकों की सुरक्षा
  • अमेरिका समेत दुनियाभर के लिए अगले 24 घंटे अहम

तालिबान पर कब्जे के बाद अफगानिस्तान से अपने नागरिकों समेत अन्य लोगों को निकालने में लगे अमेरिका के लिए अगले 24 घंटे काफी अहम होने जा रहे हैं. सेट की गई 31 अगस्त की डेडलाइन करीब आ चुकी है, जिसके बाद अमेरिका को अफगानिस्तान छोड़ना होगा.

इस बीच, अमेरिका ने कहा कि उसका अफगानिस्तान में चल रहा सैन्य अभियान जारी रहेगा. अभी उनका फोकस काबुल में रह रहे अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा पर है. मालूम हो कि पिछले गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के पास आईएसआईएस-खुरासान के आतंकियों ने सिलसिलेवार फिदायीन हमले किए थे, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी. इसके अलावा, 169 अफगानिस्तान के नागरिक भी मारे गए थे. 

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अमेरिकी सेना के मेजर जनरल विलियम हैंक टेलर ने काबुल में की गई अमेरिकी की एयरस्ट्राइक समेत अन्य मुद्दों पर जानकारी दी. विलियम ने कहा, ''अफगानिस्तान में मिलिट्री ऑपरेशन जारी रहेगा. हमारा मुख्य फोकस काबुल में रह रहे सैनिकों की सेफ्टी और सिक्योरिटी पर है.

रविवार को अमेरिकी सेना ने मानवरहित एयरस्ट्राइक गाड़ी पर की थी, जोकि एक आईएसआईएस-के का खतरा था.'' उन्होंने आगे बताया कि काबुल एयरपोर्ट के पास की गई सेल्फ डिफेंस स्ट्राइक ने सफलतापूर्वक टारगेट पर हिट किया.

टेलर ने बताया, ''गाड़ी से हुआ एक और विस्फोट यह संकेत देता है कि उसमें विस्फोटक पदार्थ मौजूद था.'' वहीं, एयरस्ट्राइक में कुछ नागरिकों की भी मौत होने के सवाल पर अमेरिकी सेना के मेजर जनरल ने बताया कि हम नागरिक हताहतों की रिपोर्ट से अवगत हैं, हम इन रिपोर्टों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. स्थिति का आकलन करना जारी रखेंगे.

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इससे पहले, एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता ने भी कहा था कि हमें मालूम है कि हमारी स्ट्राइक में आम लोगों की भी जान गई है. हम अब भी स्ट्राइक के परिणाम का आकलन कर रहे हैं. हमारा मकसद आईएसआईएस-के के आतंकियों को ढेर करना था और इसमें हम सफल हुए हैं.

काबुल एयरपोर्ट पर जारी है अमेरिका का इवेकुएशन
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका समेत विभिन्न देश अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं. इसके अलावा, उन अफगानों को भी साथ लेकर जा रहे हैं, जिन्होंने उनकी मदद की है. अमेरिका के इस अभियान की अंतिम तिथि 31 अगस्त है, जिसके बाद अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान छोड़ना होगा. पिछले दिनों व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा था कि अमेरकी सेना अपने मिशन को जारी रखने, लोगों को काबुल से निकालने और 31 अगस्त तक इवेकुएशन अभियान को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध् है.

अब भी तालिबान की पकड़ से पंजशीर दूर
उधर, काबुल पर कब्जा किए हुए तालिबान को 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन सिर्फ पंजशीर ही ऐसा प्रांत है, जो अब भी तालिबान की पकड़ से दूर है. यहां अहमद मसूद और अफगानिस्तान के स्वघोषित राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह तालिबान को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. सालेह ने लोगों से सही के लिए खड़े होने के लिए कहा है.

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सालेह ने कहा कि आइए डर को दूर करें और सही के लिए खड़े हों. वैश्विक समुदाय और विशेष रूप से पश्चिमी देशों के पास खोने के लिए बहुत कुछ है. यह मेरे राष्ट्रपति पद की बात नहीं है, बल्कि कट्टरवाद और आतंकियों के खिलाफ हार नहीं मानने की बात है. इससे पहले, जब तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद से सालेह के बारे में सवाल किया गया था, तब उन्होंने कहा था कि सालेह देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा कर रहे हैं. हमारे ताकतवर देशों से अच्छे संबंध हैं.

 

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